Big allegation: सोनहत जनपद कार्यालय में अवैध वसूली का खेल

:राजेश राज गुप्ता:

कोरिया। सोनहत जनपद कार्यालय में अवैध वसूली के गंभीर आरोप सामने आए हैं, जहां 15वें वित्त आयोग की राशि के बिल भुगतान के लिए ऑपरेटर, सीईओ के नाम पर सरपंच और सचिवों से घूस मांग रहे हैं। यह मामला पिछले एक हफ्ते से अधिक समय से चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि बिल भुगतान कार्यालय में लंबित हैं, जिससे स्थानीय विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है।

 

सूत्रों के अनुसार, जनपद कार्यालय में कार्यरत कुछ ऑपरेटरों ने एक अनौपचारिक व्यवस्था बना ली है, जिसके तहत वे सरपंचों और सचिवों से पैसे की मांग कर रहे हैं। यह राशि 15वें वित्त आयोग के तहत मिलने वाली वित्तीय सहायता के बिलों के भुगतान के लिए आवश्यक बताई जा रही है। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और भ्रष्टाचार के संकेत स्पष्ट हैं। बिलों के लंबित रहने से न केवल विकास कार्यों में देरी हो रही है, बल्कि स्थानीय प्रशासन की छवि भी धूमिल हो रही है। कई सरपंचों ने इस मुद्दे को लेकर शिकायत की है कि उन्हें बिना घूस दिए अपने अधिकारों का उपयोग करने में कठिनाई हो रही है। इससे ग्रामीण विकास योजनाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, जो कि सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल हैं।

इस मामले पर प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन स्थानीय नेताओं और नागरिकों ने इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए कार्रवाई की मांग की है। यदि इस प्रकार की अवैध वसूली पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह न केवल सरकारी योजनाओं को प्रभावित करेगा, बल्कि आम जनता का विश्वास भी डगमगा सकता है।सोनहत जनपद कार्यालय में अवैध वसूली के आरोप गंभीर हैं और इस पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले की जांच करे और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए। केवल तभी जाकर स्थानीय विकास कार्यों में तेजी लाई जा सकेगी और जनता का विश्वास पुनः स्थापित किया जा सकेगा।