Special News- छत्तीसगढ़ में शीर्ष नौकरशाहों का भविष्य दांव पर

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विशेष प्रतिनिधि
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यसचिव अमिताभ जैन इस महीने की 30 तारीख को रिटायर हो जाएगे, अगला मुख्यसचिव कौन होगा ? इसे लेकर माथापच्ची कर रही है। इस बीच 30 जून को मंत्रालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैैठक बुलाई गई है जिसमें नए सीएस का स्वागत होगा और पुराने सीएस को विदाई दी जाएगी। प्रशासनिक गलियारों में ये चर्चा आम है की इस दिन नये मुख्य सचिव की आमद दर्ज होगी और पूर्व हो रहे मुख्य सचिव अमिताभ जैन को बिदाई दी जायेगी। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शान से निकल गई। सभी अफ़सरों ने आशीर्वाद भी माँग लिया पर उनका भविष्य भी छत्तीसगढ़ के सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों, पूर्व मंत्री और जगन्नाथ मंदिर की स्थापना करने वाले पुरंदर मिश्रा की तरह अभी भी ऊहापोह की स्थिति में लटका हुआ है। तीन संभावित मंत्रियों की तरह मुख्य सचिव और नियमित डीजीपी को लेकर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हुई है। मंत्रिमंडल विस्तार को तो टाला जा सकता है किन्तु मुख्यसचिव के पद पर तो किसी न किसी को बिठाना जरूरी है, भले ही दिशा निर्देश कहीं और जूनियर आफिसर ही क्यों न हो।
दिलचस्प बात यह है कि राज्य सरकार के हुक्मरानों को नए मुख्य सचिव की नियुक्ति से ज्यादा चिंता रिटायर हो रहे अमिताभ जैन के पुनर्वास की है। केवल मुख्य सचिव ही नहीं, तीन बार छह छह महीने का एक्सटेंशन लेकर रिटायर हुए पूर्व पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा के विस्थापन को लेकर भी सरकार फिक्रमंद है। पूर्व पुलिस मुखिया अशोक जुनेजा को राज्य का मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनाने की खबर आ रही है। वहीं अमिताभ जैन को राज्य नीति (योजना) आयोग का उपाध्यक्ष का नए सिरे से सौंपा पद सौंपा जा सकता है, जिसका प्रभार फिलहाल उनके ही पास है।
छत्तीसगढ़ को तीन दिन के भीतर नए मुख्य सचिव मिल जाएगा। 28-29 को शासकीय अवकाश है ऐसे में 30 जून को ही मुख्य सचिव का नाम आदेश के ज़रिये सामने आयेगा। इसी दिन मुख्य सचिव अमिताभ जैन 30 जून को रिटायर हो जाएंगे। इसलिए नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर प्रशासनिक हलकों में अटकलें तेज हो गई हैं। मुख्य सचिव पद के लिए आधा दर्जन से ज्यादा वरिष्ठ आईएएस अफसर दावेदार हैं। वरिष्ठता सूची में श्री जैन के बाद 1991 बैच की रेणु जी. पिल्ले का नाम सबसे ऊपर है। इसके बाद 1992 बैच के सुब्रत साहू, 1993 बैच के अमित अग्रवाल तथा 1994 बैच की ऋचा शर्मा, निधि छिब्बर, विकास शील व मनोज कुमार पिंगुआ के नाम हैं। इनमें अमित अग्रवाल ,निधि छिब्बर व विकास शील फिलहाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। ये सभी अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी हैं। यदि किसी भी जुनियर अधिकारी को राज्य का मुख्य सचिव बनाया जाता है तो सारे सीनियर अधिकारी और उसके बैचमेंट को मंत्रालय के बाहर का रास्ता दिखाना होगा।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विष्णुदेव साय सरकार, राज्य के नए मुख्य सचिव के लिए इन सभी नामों व विकल्पों पर विचार कर रही है। सरकार मुख्य सचिव की नियुक्ति में केंद्रीय नेतृत्व व संगठन की पसंद का भी ख्याल रखेगी। राज्य में पदस्थ आईएएस अफसरों के नाम पर सहमति नहीं बनने की स्थिति में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए अफसरों में से भी किसी अफसर को मुख्य सचिव बनाया जा सकता है। जानकार सूत्रों के अनुसार श्री जैन को सेवावृद्धि देने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। इसके लिए श्री जैन ने कोई आवेदन नहीं दिया है और न ही राज्य शासन ने केंद्र को ऐसा कोई प्रस्ताव भेजा है।

कोर्ट के कारण फि़लहाल खटाई में सूरमा आयुक्त की नियुक्ति

नए मुख्य सचिव के साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्ति की तैयारी है। राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों के दो रिक्त पदों के लिए आवेदकों का साक्षात्कार हो चुका है। राज्य मुख्य सूचना आयुक्त का पद बीते तीन साल से खाली है।

नए सीएस को लेकर बनी हुई है उलझन

मुख्य सचिव का एक्सटेंशन प्रदेश भाजपा संगठन के एक बड़े और प्रभावशाली वर्ग को कतई गवारा नहीं है। भाजपा के एक प्रभावशाली नेता प्रधानमंत्री को इस विषय पर एक गोपनीय पत्र भी लिख चुके हैं, जिसमें उन्होंने मुख्यसचिव अमिताभ जैन को एक्सटेंशन न देने का आग्रह किया है। पत्र में जैन और जुनेजा को पुरानी भूपेश सरकार का निकटस्थ बताकर किसी भी प्रकार का पुनर्वास भी न किये जाने का निवेदन किया गया है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र का कितना असर होगा यह तो समय बताएगा। फिलहाल छत्तीसगढ़ में मुख्य सचिव का चयन टेढ़ी खीर होता जा रहा है। वैसे भी मुख्य सचिव जैन के एक्सटेंशन की संभावनाएं बहुत क्षीण हैं क्योंकि इस सम्बन्ध में सरकार ने अभी कोई फाइल मूव नहीं की है।

चर्चाओं का बाज़ार गर्म

वर्तमान में छत्तीसगढ़ के सात आईएएस एसीएस के पद पर हैं जिनमें से तीन केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और चार रायपुर में पदस्थ हैं। वरिष्ठता क्रम में 1991 की रेणु पिल्लई, सबसे आगे हैं। फिर 1992 बैंच के सुब्रत साहू का नाम आगे है लेकिन राज्य की सरकार मनोज पिंगुआ को मुख्य सचिव बनाने की हिमायत कर रही है। बताते हैं कि पिंगुआ दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मिल भी चुके हैं। केंद्रीय मंत्री अमित शाह दो दिन पूर्व छत्तीसगढ़ के प्रवास पर आये थे तो मनोज पिंगुआ ने उनकी अगवानी भी की, जिससे संकेत मिल रहा है कि उनके नाम पर सहमति बनाने की पुरजोर कोशिश जारी है। अगर केंद्र ने महिला को प्राथमिकता दी तो रेणु पिल्लई बाजी मार सकती हैं। रेणु पिल्ई के पति संजय पिल्लई हाल ही में रिटायर हुए 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। रेनू पिल्लई के पिता भी आंध्र प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं। उनके पुत्र ओडिशा कैडर के आईएएस हैं। पुत्री छत्तीसगढ़ कैडर की आईपीएस हैं। रेणु पिल्लई की एक स्वच्छ, ईमानदार और तेज तर्रार अधिकारी की छवि है।

वहीं दूसरी तरफ 1992 बैच के आईएएस सुब्रत साहू भी हैं जो मूलत: ओडिशा के रहने वाले हैं और उनके पिता भी आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। केंद्र में मंत्री और ओडिशा के भाजपा नेता धर्मेंद्र प्रधान का नाम उनके साथ जोड़ा जा रहा है। यानी मामला किसी भी करवट बैठ सकता है। सवाल फिर वही है कि नए मुख्य सचिव की नियुक्ति के बाद अमिताभ जैन को क्या मिलेगा? इसकी चिंता अमिताभ जैन से ज्यादा सरकार को है। सूत्र बता रहे हैं कि अमिताभ जैन की भी सूचना आयोग में दिलचस्पी है। राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष पद का प्रभार तो अभी भी उनके ही पास है। लेकिन वे इस पद पर बने रहने के इच्छु नहीं हैं।

पुलिस मोहकमे के मुखिया रह चुके अशोक जुनेजा को मुख्य सूचना आयुक्त बनाया जा सकती है। इसमें अभी समय लग सकता है, क्योंकि वर्तमान में उच्च न्यायालय ने सूचना आयुच तीन उम्मीदवारों की आपत्ति के बाद आयोग में नियुक्ति पर रोक लगा दी है। बताया जा रहा है कि आपत्ति जताने वालों को याचिका वापस लेने के लिए मनाने का प्रयास हो रहा है। ऐसा होता है तो जल्द ही सूचना आयोग में नियुक्तियों का रास्ता भी साफ़ हो जायेगा।