Sarguja news- ढोड़ी का दूषित पानी पीने की मजबूरी

 सालों से बनी हुई है पेयजल समस्या

 अधिकारियों ने भी मूंद ली है आंखें

हिंगोरा सिंह
अम्बिकापुर। पण्डो जनजाति परिवार ढोड़ी का दूषित पानी पीने मजबूर हैं जिससे आए दिन बीमार होते हंै। आलम यह है कि जल जीवन मिशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। पानी टंकी निर्माण कार्य अधूरा है यहां तक कि अधिकारियों ने भी अपनी आंखें मूंद ली है।

विधायक प्रतिनिधि ने कहा जल्द होगा हैंडपंपों की मरम्मत कार्य। लुण्ड्रा विधानसभा क्षेत्र के लखनपुर विकासखंड के ग्राम कटिंदा के आश्रित ग्राम (बगदेवा) के 2 दर्जन से अधिक विशेष आरक्षित पण्डो जनजाति परिवार के लोग ढोड़ी का दूषित पानी पीने को मजबूर है। लखनपुर ब्लॉक मुख्यालय से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थिति यह आश्रित ग्राम जहां लगभग दो दर्जन से अधिक परिवार निवासरत है यह ग्रामीण परिवार लगभग 1किलोमीटर की दूरी तय कर खेत में बने ढोड़ी का दूषित पानी लाकर पीने को मजबूर है।जबकि ढोडी का दूषित पानी पीने योग्य नहीं है और ढोड़ी के पानी पीने से आए दिन यहां निवास करने वाले ग्रामीण परिवार बीमार पड़ते रहते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पेयजल की समस्या कई वर्षों से बनी हुई है।

प्रत्येक वर्ष गर्मी के मौसम में हैंड पंप ड्राई तथा खराब होने की स्थिति में ढोड़ी का दूषित पानी उपयोग करते है।गांव में दो हैंडपंप ड्राई पड़े हुए हैं वहीं जल जीवन मिशन योजना के तहत तहत घरों में नल कनेक्शन तो किए गए हैं लेकिन उन नलों से पानी नहीं मिल पा रहा है क्योंकि पानी टंकी का निर्माण कार्य आधा अधूरा पड़ा है। विशेष आरक्षित पण्डो जनजाति परिवार के द्वारा कई बार हैंडपंप मरम्मत कराया जाने सरपंचों को कहा गया परंतु इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।शासन प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।अब देखने वाली बात होगी कि कब तक हैंडपंपों की मरम्मत कार्य पूरा होता है और उन्हें शुद्ध पेयजल पीने के लिए उपलब्ध हो पाता है।

गौरतलब है कि देश के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन योजना के तहत गांव में पानी टंकी का निर्माण करा घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है परंतु पीएचई विभाग की अधिकारियों की लापरवाही के कारण जल जीवन मिशन योजना का लाभ गांव में निवास करने वाले ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है।

ढोड़ी से पानी भरने लंबी कतार
ग्राम बगदेवा के ग्रामीणों ने बताया कि पानी भरने के लिए ऊबडख़ाबड़ रास्तों से 1 किलोमीटर की दूरी तय कर खेत में बने ढोडी तक पहुंचते हैं और कतार में खड़ा होकर ढोड़ी से पानी भरने अपने पारी का इंतज़ार करते हैं। यही नहीं पानी भरकर जान जोखिम में डाल पुन: उन्हीं ऊबड़-खाबड़ रास्तों से पानी लेकर अपने घर पहुंच दूषित पानी पीते है।

इस संबंध में लूट विधायक प्रतिनिधि राकेश साहू ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, पीए ई विभाग के सब इंजीनियर से चर्चा की गई है। दो-तीन दिनों के भीतर हैंडपंपों की मरम्मत कार्य करा लिया जाएगा। मौसम साफ होने की स्थिति में 1 माह के भीतर नया बोर कराया जाएगा। पीएचई विभाग कर्मचारियों के लापरवाही के कारण ग्रामीणों को दूषित पानी पीना पड़ रहा है।