Chhattisgarh police बच्चों का संरक्षण सभी की नैतिक जिम्मेदारी -तेजकुंवर नेताम

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रमेश गुप्ता

Chhattisgarh police छत्तीसगढ़ पुलिस एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन


Chhattisgarh police रायपुर !  राष्ट्रीय बाल दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ पुलिस एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में आज बाल अधिकार विषय पर राज्य स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा  तेजकुंवर नेताम मौजूद रहीं।

Chhattisgarh police उन्होने प्रदेशभर से आये प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों के मन से पुलिस का भय दूर करना आवश्यक है और बच्चों के प्रति दुर्व्यवहार, प्रताड़ना, यौन उत्पीड़न के मामले की एफआईआर दर्ज करते हुए इन मामलों की जांच शीघ्रता व गंभीरता से करने पर जोर दिया।

Chhattisgarh police साथ ही उन्होने कहा कि बच्चों के अधिकारों के संरक्षण की जिम्मेदारी न केवल उनके माता-पिता व समाज बल्कि इस दिशा में कार्य कर रहे सभी शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं की नैतिक जिम्मेदारी है।

Chhattisgarh police कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रदीप गुप्ता ने कहा कि पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा के मार्गदर्शन में महिलाओं, बच्चों, वृद्ध व असहायजनों की सुरक्षा एवं संरक्षण की दिशा में पुलिस विभाग द्वारा लगातार कल्याणकारी कार्य किये जा रहे हैं।

आज के इस बदलते परिवेश में पुलिस के लिए नित नई चुनौतियां सामने आ रही है और पुलिस का चेहरा बच्चों के मन में भयभीत करने वाला नहीं होना चाहिए। बच्चों के विकास के लिए उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और सुपोषण जरूरी है।

Chhattisgarh police आजकल सोशल मीडिया में बच्चे ज्यादातर समय बिताने लगे हैं। अतः यह जरूरी है कि जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग बारे में समझाया जाये ।

कार्यक्रम के विशेष अतिथि छत्तीसगढ़ यूनिसेफ प्रमुख जोब जकारिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि बच्चे न व्यय है और न ही किसी पर बोझ हैं, बल्कि वे देश के निवेश हैं, जो आगे चलकर देश को आर्थिक व सामाजिक रूप मजबूत करते हैं।

Chhattisgarh police साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित चाईल्ड फ्रेण्डली थाना का जिक्र करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ देश का ऐसा राज्य हैं, जहां चाईल्ड फ्रेण्डली थाना पेपर में नहीं अपितु भौतिक रूप से संचालित है।

थाना प्रभारी द्वारा समय-समय ग्रामों में भ्रमण करने पर बच्चे पुलिस के प्रति आकर्षित हों एवं उनके मन में पुलिस का भय कम हो सके। पुलिस महानिरीक्षक, सीआईडी सुशील चंद्र द्विवेदी ने कहा कि राज्य निर्माण के बाद से ही छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा बाल संरक्षण की दिशा में संवेदनशीलता के साथ कार्य किया जा रहा है और इसमें वर्ष 2016 में बड़ा बदलाव आया जब यूनिसेफ के साथ मिलकर पुलिस मुख्यालय में बाल अधिकार सेल का गठन किया गया और तब से लेकर बाल अधिकार संरक्षण पर यूनिसेफ के साथ पुलिस विभाग की साझेदारी निरंतर जारी है।

Chhattisgarh police पुलिस महानिरीक्षक सीआईडी डॉ. सजीव शुक्ला ने कार्यक्रम में आये अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस संगोष्ठी के उद्घाटन अवसर पर छत्तीसगढ़ पुलिस, यूनिसेफ एवं सीएसजे, द्वारा अधिकार बाल संरक्षण विषय पर संयुक्त रूप से तैयार किये गये 08 ऑनलाईन माड्यूल तथा चाईल्ड फ्रेण्डली थाना व गुड टच बैड टच विषय पर फिल्माये गये 02 लघु फिल्म लांच किये गये एवं बाल कानून एवं प्रक्रियाएँ पुस्तिका का विमोचन मंचस्थ अतिथियों द्वारा किया गया।

प्रदेशभर से आये पुलिस अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य, शिक्षा विभाग के अधिकारी तथा एनजीओ के प्रतिनिधि एवं एचएनएलयू के छात्र-छात्रायें सहित कुल 150 प्रतिभागियों ने कार्यक्रम में भाग लिया।

Chhattisgarh police इस अवसर पर उप पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती मिलना कुर्रे, सहायक पुलिस महानिरीक्षक, वाय.पी. सिंह,  पूजा अग्रवाल, यू.बी.एस. चौहान, यूनिसेफ से सुश्री गीतांजलि एवं पुलिस के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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