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अगर कहीं आगजनी की घटना हो जाती है तो सबसे पहले फायर ब्रिगेड को ही याद किया जाता है. और फायर फाइटर भी अपनी जान की परवाह किये बिना आग पर काबू पाते हैं. लेकिन इन फायर फाइटर्स और फायर ब्रिगेड आफिस की हालत बेहद ही चिंताजनक है.

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छत्तीसगढ़ में अग्निशमन सेवा की स्थिति “काजल की कोठरी में दिया जलाने” जैसी है. राज्य भर में केवल 60 के आसपास फायर स्टेशन हैं जबकि 184 नगरीय निकाय कार्यरत हैं. यानी औसतन हर 4 निकाय पर सिर्फ एक फायर स्टेशन.
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नाम न छापने की शर्त में एक फायर फाइटर्स ने बताया कि अग्निशमन विभाग कागज़ों पर मजबूत मजबूत है लेकिन ज़मीन पर कमजोर. प्रदेश में फायर सेवा के लगभग 912 स्वीकृत है. जिनमें केवल 287 कर्मचारी ही कार्यरत है.
वहीं नगर निगम से आए अनुभवी फायर कर्मियों की अनदेखी का अरोप भी लगा है. छत्तीसगढ़ में फिलहाल फायर सर्विस का संचालन मुख्यतः नगर सेना (Home Guard) के अधीन है. लेकिन सच्चाई यह है कि लगभग 287 फायरकर्मी नगर निगम से प्रतिनियुक्ति पर आए हुए हैं. उनमें से 22 नियमित कर्मचारी हैं और 165 प्लेसमेंट आधारित संविदा कर्मी.