Bijapur
बीजापुर। केंद्र और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी नल-जल योजना में अनियमितताओं के आरोपों के बीच बीजापुर जिले में हलचल तेज हो गई है। भाजपा जिलाध्यक्ष घासी राम नाग ने सोमवार को योजना की जांच के लिए जिले के चारों मंडलों – बीजापुर, भोपालपटनम, उसूर और कुटरू में 34 सदस्यीय जांच दल के गठन की घोषणा की।
यह जांच दल क्षेत्रवार निरीक्षण कर योजना के अंतर्गत हुए कार्यों की गुणवत्ता की जांच करेगा और ग्रामीणों से फीडबैक लेकर विस्तृत रिपोर्ट जिलाध्यक्ष को सौंपेगा। इस रिपोर्ट के आधार पर जिलाध्यक्ष कलेक्टर को संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्रवाई हेतु अनुशंसा करेंगे।
भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
ग्रामीण क्षेत्रों से लगातार मिल रही शिकायतों के अनुसार, कई गांवों में निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया गया है और लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाए हैं कि ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से योजना के नाम पर भारी भ्रष्टाचार हुआ है और जारी की गई राशि का दुरुपयोग किया गया है।
सरकारी तंत्र की निष्क्रियता पर सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि नल-जल योजना की मॉनिटरिंग ठीक ढंग से नहीं हो रही है। अधिकारियों द्वारा स्थलीय निरीक्षण न करने की वजह से कई स्थानों पर कार्य अधूरे पड़े हैं और लोग साफ पानी के लिए अब भी संघर्ष कर रहे हैं।
खबर छपने के बाद जागा प्रशासन
बीते दिनों बीजापुर से महज तीन किलोमीटर दूर मुसालूर ग्राम पंचायत के आश्रित गांव में हुई अनियमितता की खबर एक स्थानीय समाचार पत्र में छपने के बाद प्रशासन हरकत में आया था। इसके बाद ट्यूबवेल की खुदाई पुनः शुरू हुई और गांव में पानी की आपूर्ति बहाल हो सकी।
जिलाध्यक्ष की चेतावनी
जिलाध्यक्ष घासी राम नाग ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि भागीरथी योजना के नाम पर हुए भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेताया कि जो अधिकारी और ठेकेदार काम अधूरा छोड़कर पूरी राशि का आहरण कर चुके हैं, वे सावधान हो जाएं।