राजेश राज गुप्ता
कोरिया। सोनहत। कोरिया जिले के सोनहत मुख्यालय में हाल के दिनों में 15 से 10 साल के बच्चों में गांजा पीने की लत तेजी से बढ़ती जा रही है। यह एक गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है, क्योंकि शाम होते ही कई स्थानों पर इन बच्चों को गांजा का सेवन करते हुए देखा जा सकता है। इस समस्या के लिए सबसे पहले अभिभावक जिम्मेदार हैं, लेकिन इसके पीछे अन्य कारक भी काम कर रहे हैं।
हाल ही में, *सोनहत में कई दुकानों में चोरी और आगजनी की घटनाएं हुई हैं, जिससे स्थानीय व्यापारी भयभीत हैं।
इस गंभीर स्थिति के लिए अभिभावकों की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कई माता-पिता अपने बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिससे बच्चे नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों को सही मार्गदर्शन और शिक्षा देने की आवश्यकता है, ताकि वे इस तरह के नशे से दूर रह सकें।
स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी
स्थानीय प्रशासन को भी इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाना, गांजा केंद्रों पर निगरानी रखना और बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना आवश्यक है। इसके अलावा, पुलिस को भी इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए और नशे के कारोबार में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। सोनहत में बढ़ते गांजा के सेवन की समस्या न केवल बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल रही है, बल्कि पूरे क्षेत्र की शांति व्यवस्था को भी प्रभावित कर रही है। अब समय आ गया है कि अभिभावक, स्थानीय प्रशासन और समाज मिलकर इस समस्या का समाधान करें। यदि इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। बच्चों को नशे की गिरफ्त से बचाना और क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।