Lok Adalat- लोक अदालत में 15000 धनादेश प्रकरण का निराकरण

 

सरायपाली

नेशनल लोक अदालत के माध्यम से लिखित प्रराक्रम्य अधिनियम के तहत प्रस्तुत प्रकरण में आरोपी महिला होने के कारण आरोपी ने बैंक में जाकर उस प्रकरण में राजीनामा कर लिया था आरोपी की ओर से उसके पति के द्वारा लोक अदालत में उपस्थित होकर धनादेश की राशि प्रदान कर निराकरण किया गया ।

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आज न्यायालय परिसर में आयोजित नेशनल लोक अदालत में विनय कुमार साहू न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी सरायपाली के न्यायालय में किया गया। जिसमें सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा बलौदा बनाम विजया रौतिया के लिखित प्रराक्रम्य अधिनियम प्रकरण में आरोपी के पति ने न्यायालय में धनादेश की राशि 15,000/- रूपये शाखा प्रबंधक के पास जामा किया शेष राशि माह जून तक देना स्वीकार किया दोनों पक्षकारों के द्वारा आपसी राजीनामा कर सुलह समझौता कर लिया गया तथा दोनो लंबे समय के चले आ रहे विवाद को समाप्त करने के लिये साथ हंसी खुशी राजी हुए तथा आरोपी के पति के द्वारा राजीनामा कर लंबे अरसे से चल रहे प्रकरण का नेशनल लोक अदालत के माध्यम से निराकरण किया गया।

उक्त समझौते में आरोपी के अधिवक्ता गजानंद स्वाई परिवादी के अधिक्ता दिलीप भोई सुहलकर्ता सदस्य शशि पटेल एवं विधिक कर्मचारी राकेश कुमार मिश्रा के द्वारा सुलह कराया गया।

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