नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) की शुक्रवार को आयोजित बैठक में विवाद खड़ा हो गया। इस बैठक में टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिससे हंगामा मच गया। दोनों नेताओं के बीच की बहस इतनी बढ़ गई कि बैठक को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा। इसके बाद विवाद को लेकर 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया गया। बैठक अब 27 दिसंबर तक स्थगित कर दी गई है।
जल्दबाजी पर सवाल उठाने पर हुआ विवाद
बैठक में जब कल्याण बनर्जी ने सवाल उठाया कि वक्फ विधेयक पर इतनी जल्दबाजी में बैठक क्यों बुलाई गई है, तो इस पर निशिकांत दुबे ने आपत्ति जताई। दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस के बाद स्थिति इतनी बिगड़ गई कि समिति ने विपक्षी सांसदों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। जानकारी के अनुसार, इस विवाद के बाद दस विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया गया, और बैठक को स्थगित कर दिया गया।
मीरवाइज उमर फारूक की आपत्ति
वक्फ विधेयक को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है। कश्मीर के धार्मिक प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक भी इस विधेयक के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे। शुक्रवार को उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक पर संसदीय समिति के समक्ष अपनी आपत्तियां पेश करने का निर्णय लिया है। मीरवाइज के मुताबिक, यह विधेयक कश्मीर के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का प्रयास है, और उनके अनुसार इसका असर पूरे समुदाय पर पड़ेगा।
लॉयर्स फॉर जस्टिस समूह की राय भी ली जाएगी
विधेयक पर विस्तृत विचार-विमर्श के लिए समिति ने बैठक को अगले सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है। अगले सप्ताह सोमवार को समिति विधेयक पर विस्तार से विचार करेगी, और इस दौरान मीरवाइज उमर फारूक के अलावा “लॉयर्स फॉर जस्टिस” समूह के विचार भी सुने जाएंगे। इस समिट के बाद, वक्फ विधेयक के बारे में अंतिम राय दी जाएगी।
फ्रांसिस जॉर्ज ने पलटा बयान, यूडीएफ का रुख स्पष्ट
वहीं, वक्फ (संशोधन) विधेयक के समर्थन का ऐलान करने वाले यूडीएफ सांसद फ्रांसिस जॉर्ज ने गुरुवार को अपने बयान से पलटने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि उनका बयान गलत तरीके से समझा गया था। पहले उन्होंने कहा था कि वह विधेयक का समर्थन करेंगे, लेकिन अब उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वह इस विधेयक का समर्थन नहीं करेंगे। उनका रुख यूडीएफ और कांग्रेस के रुख से मेल खाता है, जिन्होंने वक्फ अधिनियम में संशोधन करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ केरल विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया था।
राजनीतिक विवाद गहराया
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर संसद में सियासी खींचतान और विवाद बढ़ता जा रहा है। एक तरफ सरकार इसे पारित करने के पक्ष में है, तो दूसरी तरफ विपक्षी दल इस विधेयक को लेकर कड़ी आपत्तियां उठा रहे हैं। इसके अलावा, धार्मिक नेताओं और विभिन्न समूहों की आपत्तियां भी सामने आ रही हैं। अब देखना यह होगा कि अगले सप्ताह होने वाली जेपीसी की बैठक में इस विधेयक पर क्या नया मोड़ आता है, और क्या इसके विरोध में उठ रहे स्वर सरकार को मजबूर करते हैं कि वह इसे फिर से संशोधित करे।
यह सियासी संकट यह भी साबित करता है कि वक्फ विधेयक केवल एक कानूनी मसला नहीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक और धार्मिक मुद्दा बन चुका है।