CG News: जिला स्तरीय गुरु घासीदास जयंती व मिलन समारोह ग्राम चिड़ईपदर में सम्पन्न,

जगदलपुर। सतनामी समाज मे 1 से 31 दिसंबर तक चलने वाले गुरुपर्व में 22 दिसम्बर रविवार को ग्राम चिड़ईपदर में गुरुघासीदास जयंती व मिलन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बस्तर सांसद महेश कश्यप शामिल हुए तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में धँसराज टण्डन संभागीय अध्यक्ष सतनामी समाज, गंगूराम कुर्रे संरक्षक, आरके बंजारे, लखमु राम टण्डन, हीरालाल चंदेल, इंदर प्रसाद बंजारे, शोभाराम मार्कण्डेय, सानु मारकंडे, गंगाराम जांगड़े, मुन्ना राम जांगड़े, राजेन्द्र बांन्धे, छोटू मारकंडे, ममता कुर्रे, दिनेश बंजारे, अजय लहरे, हेमंत ओगर, प्रवक्ता देवराज खूंटे, रमेश लहरे, शिव प्रसाद जांगड़े, भागचंद चतुर्वेदी, हरिचंद बाँधे, श्रीमती बबीता खिलाड़ी, संगीता बघेल, धनीराम चतुर्वेदी, हेमराज जांगड़े, राकेश महिलागे, विजय कुर्रे, सीताराम रात्रे, श्याम दास बंजारे, दुर्योधन कोसरे शामिल हुए। सर्वप्रथम जैतखाम में पूजा अर्चना कर गांव में शोभायात्रा निकाली गई ततपश्चात कार्यक्रम स्थल में मंचीय कार्यक्रम की शुरुआत हुई जिसमें अतिथियों को पुष्पमाला से स्वागत किया गया। इस कार्यक्रम में संभाग के विभिन्न ग्रामो से पंथी दल को भी आमंत्रित किया गया था जिन्होंने पंथी नृत्य का प्रदर्शन किया। उद्बोधन की कड़ी में उपस्थित समस्त अतिथियों ने जयंती पर्व की बधाई देते हुए बाबाजी के जीवनी पर प्रकाश डाला।

इस मौके पर मुख्य अतिथि बस्तर सांसद श्री महेश कश्यप जी ने अपने उदबोधन में कहा कि बाबाजी हम सबके प्रेरणास्रोत है, उन्होंने ऐसे समय मे समाज को रास्ता दिखाई है जिस समय किसी प्रकार का साधन नही था हमे गर्व है कि ऐसे महान संत का जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ है। इसी के साथ उन्होंने ग्राम चिड़ईपदर में सतनामी समाज का जिला मुख्यालय हेतु भवन के लिए 20 लाख रु स्वीकृत करने की घोषणा की। इसके पश्चात कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला अध्यक्ष सन्तु बाँधे जी ने आभार प्रकट करते हुए समापन की घोषणा की। मंच संचालन देवराज खूंटे ने किया।

समापन पश्चात भौजन भंडारा का आयोजन किया गया और रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किया गया जो देर रात्रि तक चलती रही। कार्यक्रम को सफल बनाने मुख रूप से योगेश बांन्धे, मोती बांन्धे, चंद्र कुमार बांन्धे, ईश्वर बांन्धे, संजू सोनवानी, मिथुन, समारू जांगड़े, धनेश कुर्रे, उपेंद्र नाग, कृष्णा नाग, मोहित, संत कुमार, छबीलाल बांन्धे सहित समाज के पदाधिकारियों का विशेष सहयोग रहा।

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