क्षय रोग मुक्त जिला बनाने मुहिम
कोरिया। कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी के निर्देशानुसार, जिले को क्षय रोग मुक्त बनाने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रशांत सिंह के मार्गदर्शन में विद्यालयों और स्वास्थ्य केंद्रों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जहां छात्रों और आमजन को टीबी के लक्षण, जांच और उपचार के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
मिली जानकारी अनुसार जिले में लगातार जांच अभियान चलाकर संभावित टीबी मरीजों की पहचान की जा रही है। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और एसईसीएल अस्पताल चरचा में निशुल्क खखार जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। वर्तमान में जिले में 168 टीबी मरीज उपचाराधीन हैं।
टीबी के लक्षण पहचानें और जांच कराएं
जिला क्षय अधिकारी डॉ. ए.के. सिंह ने कहा कि दो सप्ताह से अधिक खांसी, शाम के समय बुखार, भूख न लगना, वजन घटना, छाती में दर्द और खखार में खून आने जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें। ऐसे लक्षण महसूस होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर निशुल्क जांच करवाएं। टीबी मरीजों को बेहतर इलाज और पोषण के लिए राज्य सरकार ने विशेष योजनाएं शुरू की हैं।
प्रोत्साहन राशि सीधे खाते में
इसके अलावा पोषण सहायता के तहत इलाज की अवधि तक 500 रुपये प्रति माह सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे। परिवहन सहायता राशि 750 रुपये अतिरिक्त सहायता डीबीटी के माध्यम से दी जा रही है। दवा खिलाने के लिए मितानिन को प्रोत्साहन राशि 1000 रुपये दिए जा रहे हैं। इसके अलावा निजी चिकित्सकों को प्रोत्साहन हेतु टीबी मरीज नोटिफाई करने पर 500 रुपये और परिणाम रिपोर्ट करने पर 500 रुपये दिए जा रहे हैं।
कलेक्टर ने की अपील
कलेक्टर श्रीमती त्रिपाठी ने आम जनता से अपील की है कि वे टीबी से जुड़े किसी भी लक्षण की जानकारी होने पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करें और जागरूकता फैलाने में सहयोग करें। जिला प्रशासन के इस प्रयास का उद्देश्य है जिले को जल्द से जल्द क्षय रोग मुक्त बनाना और समाज में स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना।