नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने रबी विपणन सत्र 2025-26 के लिए 6 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा की है। इस अधिसूचना के तहत किसानों को उनके उत्पादों के लिए बेहतर मूल्य सुनिश्चित किया गया है, जिससे कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा। घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में मुख्य रूप से गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों और केसर (सैफ्लॉवर) शामिल हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को गेहूं, चना और सरसों समेत रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दी। गेहूं का एमएसपी 150 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2,275 रुपये से 2,425 रुपये कर दिया गया है। सरसों का एमएसपी 300 रुपये बढ़ाकर 5,950 रुपये और चना का एमएसपी 210 रुपये बढ़ाकर 5,650 रुपये कर दिया गया है। इसी प्रकार जौ, मसूर और कुसुम पर एमएसपी भी बढ़ाकर क्रमशः 1,980 रुपये, 6,700 रुपये और 5,940 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
विभिन्न फसलों के लिए MSP में इस बार वृद्धि की गई है।
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गेहूं: 2425 रुपये प्रति क्विंटल (पहले 2275 रुपये)
जौ: 1980 रुपये प्रति क्विंटल (पहले 1850 रुपये)
चना: 5650 रुपये प्रति क्विंटल (पहले 5440 रुपये)
मसूर: 6700 रुपये प्रति क्विंटल (पहले 6425 रुपये)
सरसों: 5950 रुपये प्रति क्विंटल (पहले 5650 रुपये)
सैफ्लॉवर (केसर): 5940 रुपये प्रति क्विंटल (पहले 5800 रुपये)
यह वृद्धि कृषि लागत और महंगाई को ध्यान में रखते हुए की गई है, जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके।
MSP क्या है?
भारत में MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) वह मूल्य होता है जो सरकार किसानों को उनकी फसलों के लिए सुनिश्चित करती है। यह कीमत सरकार द्वारा तय की जाती है ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके, चाहे बाजार में कीमतें कम ही क्यों न हो जाएं। MSP का मुख्य उद्देश्य किसानों को कृषि लागत और उनके श्रम का सही मुआवजा दिलाना है, जिससे उन्हें किसी तरह का नुकसान न हो।
सरकार हर साल विभिन्न फसलों के लिए MSP की घोषणा करती है, और यह कीमत फसलों की बुआई से पहले तय की जाती है। यह समर्थन मूल्य फसलों की लागत, उत्पादन खर्च, और किसानों की आय सुनिश्चित करने जैसे विभिन्न कारकों को ध्यान में रखकर तय किया जाता है। भारत में 23 प्रमुख फसलों के लिए MSP तय किया जाता है, जिनमें अनाज (जैसे गेहूं, धान), दालें, तिलहन, और अन्य फसलें शामिल हैं। यदि बाजार में इन फसलों की कीमतें MSP से कम हो जाती हैं, तो सरकार उन्हें MSP पर खरीदती है ताकि किसानों को नुकसान न हो। MSP का निर्धारण कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) द्वारा किया जाता है, जो विभिन्न लागत कारकों, उत्पादन खर्च और किसान समुदाय की आवश्यकताओं का आकलन करता है और सरकार को सिफारिशें भेजता है।