Rg Kar Rape Case:कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर के साथ रेप के मामले में नया पेच आ गया है। सीबीआई की जांच से कई महत्वपूर्ण बातें सामने आई हैं जो इस मामले की दिशा बदल सकती हैं। सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने रेप की पुष्टि की है, लेकिन फोरेंसिक रिपोर्ट के निष्कर्ष स्पष्ट नहीं हैं। ऐसा लग रहा है कि घटना के बाद सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी कहा है कि उसके पास कई महत्वपूर्ण सुराग हैं, जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि सबूतों को नष्ट करने की कोशिश की गई है।
Rg Kar Rape Case:सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से 17 सितंबर तक इस मामले में अब तक की जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सीबीआई से कहा कि वह सभी नए सबूतों की जानकारी रिपोर्ट में शामिल करें। सूत्रों के मुताबिक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने महिला डॉक्टर के साथ रेप की पुष्टि की है, लेकिन फोरेंसिक रिपोर्ट निर्णायक निष्कर्ष नहीं दे पा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला डॉक्टर की मौत गला घोंटने से हुई। एक अन्य सबूत यह भी है कि मुख्य आरोपी संजय रॉय के डीएनए सैंपल पीड़िता के शरीर पर मिले डीएनए सैंपल से मेल खाते हैं।
Rg Kar Rape Case:सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में फोरेंसिक रिपोर्ट में गड़बड़ी का इशारा किया। उन्होंने कहा कि फोरेंसिक टेस्ट पश्चिम बंगाल की एक लैब में किए गए थे, और अब सीबीआई इन सैंपल को आगे की जांच के लिए एम्स और अन्य केंद्रीय फोरेंसिक लैब में भेजने जा रही है। पोस्टमार्टम की जांच भी सीबीआई द्वारा की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर हैरानी जताई और पूछा कि पोस्टमार्टम के वक्त का चालान कहां गायब हो गया, क्योंकि बिना चालान के पोस्टमार्टम नहीं किया जा सकता। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कपिल सिब्बल इस सवाल का जवाब नहीं दे सके।
Rg Kar Rape Case:कोलकाता पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि चालान में कुछ भी गायब नहीं था। चालान महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें यह बताया जाता है कि महिला डॉक्टर का शव पोस्टमार्टम के लिए ले जाते वक्त उसके शरीर पर कौन-कौन से कपड़े थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, महिला डॉक्टर ने गुलाबी रंग का टॉप पहना हुआ था। उसके शरीर के पास दो डिवाइस और एक नोटपैड पाया गया, जिसमें कुछ शीट गायब थीं। इसके अलावा, एक गैजेट मिला जिस पर कोई फिंगरप्रिंट नहीं था। महिला डॉक्टर के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि कोलकाता पुलिस ने मामले में गड़बड़ी की है।