नई दिल्ली। देश की प्रमुख एयरलाइन इंडिगो इन दिनों गंभीर परिचालन संकट से जूझ रही है। पायलटों की कमी के कारण लाखों यात्रियों को फ्लाइट कैंसिलेशन और लंबी देरी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले चार से पांच दिनों में रोजाना सौ से अधिक उड़ानें रद्द की गईं, जबकि बुधवार को यह संख्या बढ़कर दो सौ से अधिक हो गई। कई उड़ानें दस घंटे तक की देरी से संचालित हुईं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2 दिसंबर को इंडिगो का समय पर संचालन 35 प्रतिशत पर आ गया, जो देश की सभी शेड्यूल्ड एयरलाइंस में सबसे कम रहा। लगातार बढ़ रही दिक्कतों के बीच घरेलू हवाई किराया भी तेजी से बढ़ा है। दिल्ली–मुंबई मार्ग का किराया 31 हजार रुपए तक पहुंच गया है।
डीजीसीए ने यात्रियों की परेशानी और सोशल मीडिया पर बढ़ते आक्रोश को देखते हुए एयरलाइन से विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही कंपनी से स्थिति सामान्य करने की कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा गया है। अधिकारियों के अनुसार एयरलाइन के साथ मिलकर कैंसिलेशन और देरी को कम करने के उपायों पर काम किया जा रहा है।
इंडिगो ने बुधवार शाम उड़ानों में कटौती सहित कई कदम उठाने शुरू कर दिए। एयरलाइन के अनुसार ये उपाय अगले 48 घंटे तक लागू रहेंगे, जिससे नेटवर्क में पंक्चुअलिटी बहाल करने में मदद मिलेगी। कंपनी ने स्वीकार किया कि पिछले दो दिनों से संचालन पर गहरा असर पड़ा है।
नवंबर में कैंसिल हुई 1,232 उड़ानों में से लगभग 62 प्रतिशत उड़ानें चालक दल की कमी के कारण रद्द करनी पड़ीं। 1 नवंबर से DGCA द्वारा नए मानवीय क्रू ड्यूटी मानदंड लागू किए जाने के बाद एयरलाइंस पर पायलटों की मांग बढ़ी, जिसके प्रभाव इंडिगो पर सबसे ज्यादा दिखाई दे रहे हैं। एयरलाइन का ओटीपी अक्टूबर के 84.1 प्रतिशत से घटकर पिछले महीने 67.7 प्रतिशत पर आ गया।
उड़ानों में कटौती और अनिश्चितता के कारण टिकट किराए कई गुना बढ़ गए हैं। 5 और 6 दिसंबर के लिए दिल्ली–बेंगलुरु मार्ग पर इकोनॉमी क्लास का एकतरफा किराया 11,000 से 43,145 रुपए के बीच दर्ज किया गया। इसी तरह मुंबई–कोलकाता का किराया 8,000 से 19,000 रुपए और दिल्ली–मुंबई मार्ग का 18,000 से 31,000 रुपए तक पहुंच गया।