19 साल की दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास… फिडे महिला शतरंज विश्व कप चैंपियन बनीं…भारत की ही अनुभवी खिलाड़ी कोनेरू हम्पी को दी मात

रोमांचक फाइनल का दिलचस्प सफर

  • फाइनल के पहले दो क्लासिकल गेम ड्रॉ पर समाप्त हुए, जिसके बाद मैच टाईब्रेकर तक पहुंचा।
  • पहले रैपिड टाईब्रेकर में भी बराबरी रही, लेकिन दूसरे गेम में हम्पी ने एक महत्वपूर्ण गलती की।
  • दिव्या ने इस मौके का बेहतरीन उपयोग करते हुए दबाव बनाया और हम्पी को रिजाइन करने पर मजबूर कर दिया।
  • जीत के बाद दिव्या भावुक हो गईं और उन्होंने मौजूद अपनी मां को गले लगा लिया

दिव्या ने हासिल की ये उपलब्धियां

भारत की पहली महिला फिडे विश्व कप चैंपियन
ग्रैंडमास्टर (GM) का खिताब हासिल किया (पहले इंटरनेशनल मास्टर थीं)
2024 कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई किया (जहां विश्व चैंपियनशिप के लिए चुनौती दी जा सकती है)

विश्वनाथन आनंद ने दी बधाई, कहा – “हम्पी की गलती ने दिव्या को दी बढ़त”

भारत के पूर्व विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने लाइव कमेंट्री में कहा कि हम्पी ने अंतिम पलों में एक महत्वपूर्ण चूक की, जिसका दिव्या ने पूरा फायदा उठाया। उन्होंने दिव्या की धैर्य और रणनीति की सराहना की।

भारत के लिए गर्व का पल

इस जीत ने साबित कर दिया कि भारतीय महिला शतरंज विश्व स्तर पर अपनी धाक जमा रही है। दिव्या और हम्पी दोनों ने अद्भुत खेल दिखाया, लेकिन अंत में युवा प्रतिभा ने अनुभव को पछाड़ दिया।

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