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Pilgrimage to Amarnaath: -कुछ देर रुके होते तो हम फंस जाते; कठिन चढ़ाई से साथी हुआ बेहोश
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दक्षिण कश्मीर में स्थित पवित्र Pilgrimage to Amarnaath गुफा के पास 8 जुलाई को बादल फटने से आई अचानक बाढ़
Raipur 11 july
दक्षिण कश्मीर में स्थित पवित्र Pilgrimage to Amarnaath गुफा के पास 8 जुलाई को बादल फटने से आई अचानक बाढ़ के कारण कई लोग बह गए। हादसे में 15 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
कई अब भी लापता हैं। मुश्किल यात्रा पूरी कर रायपुर के 9 तीर्थ यात्रियों का जत्था वापस लौटा है।
रायपुर के नवरतन माहेश्वरी, अजय देवांगन, डॉ. निर्मल कुमार अग्रवाल, ललित बागड़ी, विकास मालानी, धर्मेश झंवर, अविनाश शिरके, निर्भय जैन और डॉ दीपक पांडे इनमें शामिल थे।

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इस ग्रुप के नवरतन माहेश्वरी ने बताया इस यात्रा का हैरान करने देने वाला एक्सपीरिएंस रहा। नवरतन ने बताया कि Pilgrimage to Amarnaath रायपुर से तीर्थ यात्रियों का जत्था रवाना होकर 3 जुलाई को अमरनाथ धाम के पास पहुंचा। पहाड़ों में 25 से 30 किलोमीटर का सफर पूरा करने के बाद बाबा बर्फानी के दर्शन होते हैं।
बालटाल नाम की जगह से गुफा के कुछ करीब यात्रियों को पहुंचाया जाता है, जहां से आगे पैदल जाना होता है। इस सफर को अधिकांश लोग पैदल या खच्चर के सहारे भी पूरा करते हैं।

Pilgrimage to Amarnaath हमने हेलीकाप्टर बुक किया था, 7 जुलाई को हम बालटाल से उड़ान भरने वाले थे मगर अचानक मौसम खराब हो गया। बारिश और तेज हवाओं की वजह से चॉपर उड़ नहीं कर सका।
डर था कहीं हमें बिना दर्शन के ही लौटना न पड़े, एविएशन टीम से हमने बात की 8 जुलाई को फिर से हेलीकाप्टर से ऊपर पहाड़ों में जाने की बात तय हुई। हम सुबह पहुंच गए और हेलीकाप्टर से गुफा के करीब पहुंचे। मगर इसके बाद भी कुछ किलोमीटर की ऊंची चढ़ाई करनी थी।

(Announcement was happening again and again)बार-बार हो रहा था अनाउंसमेंट
नवरतन ने बताया कि हम मुश्किल चढ़ाई को पार करते हुए ऊपर जा पहुंचे।
बाबा बफार्नी के दर्शन हुए तो सारी थकान मिट गई। मन किया कुछ देर यहीं रुकें। हम रुके भी फिर बार-बार हो रही अनाउंसमेंट पर ध्यान गया। वहां माइक पर कहा जा रहा था कि दर्शन के बाद फौरन नीचे लौटें,
मौसम खराब हो रहा है। हम नीचे लौट आए। बमुश्किल 2 से तीन घंटे का गैप हुआ कि खबर आई कि वहां बादल फट गया कई लोग बह गए। तब हम काफी नीचे आ चुके थे।
हमें एक टेंट में रोका गया, हम यहीं रहे। इसके बाद बालटाल से वापस आए। यात्रियों को जल्द से जल्द वापस भेजा जा रहा था।
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(7-8 hour jam)7-8 घंटे का जाम
यात्रा के दौरान रायपुर के यात्री जाम में भी फंसे। रास्ते में श्रीनगर से बालटाल के बीच सड़क पर लैंड स्लाइड हुआ था। पूरा का पूरा ट्रैफिक थम गया। कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया।
हम करीब 7-8 घंटे रास्ते में ही फंसे रह गए। जेसीबी से बॉर्डर रोड ओपनिंग टीम मलबा हटाने का काम कर रही थी। कुछ देर बाद एक-एक कर गाड़ियों को रवाना किया गया। रास्ते में हमने मलबे में दबे मकान और कारें देखीं।

(when the partner fainted)जब साथी हुआ बेहोश
नवरतन ने बताया कि अमरनाथ यात्रा में हम जैसे-जैसे ऊपर जाते हैं, रास्ता खराब होता जाता है। बड़े-बड़े पत्थरों पर चलना, चढाई वाला रास्ता थका देता है।
हमारे साथी डॉ निर्मल का पत्थरों पर चलते वक्त पैर मुड़ गया असहनीय पीड़ा उन्हें। साथी अजय देवांगन की सांसें फूल गईं वो गश खाकर बेसुध हो गए। फौरन हमारी मदद वहां तैनात जवानों ने की।
मेडिकल फैसिलिटी दी गई, टेंट पर रेस्ट करवाया। थोड़ा ठीक महसूस होने पर हम फिर आगे बढ़े।
(a few inches of path and ditch)कुछ इंच का रास्ता और खाई
नवरतन ने बताया कि गुफा की ओर जाते वक्त बेहद पथरीला मुश्किल रास्ता होता है। एक पैच तो ऐसा आया जहां 180 डिग्री का मोड़ था, कुछ ही इंच का रास्ता था, बस एक आदमी ही पैर रख सकता था।
वहां भी कुछ लकड़ी के पाटे वगैरह लगाकर फोर्स ने जगह बनाई थी। सैन्य बलों के जवान बड़ी सावधानी से एक-एककर यात्रियों को दूसरी तरफ भेजने में मदद कर रहे थे।
उस मोड़ को देखकर सभी टेंशन में थे, कई फीट नीचे खाई और नदी थी, मगर जवानों ने पूरी सहायता की।
अमरनाथ यात्रा पिछले दो वर्षों से कोरोना के कारण बंद थी।
ये यात्रा इस साल बीती 30 जून से शुरू हुई है। 43 दिवसीय यात्रा 11 अगस्त को समाप्त होगी। इस यात्रा में अब तक 65,000 से अधिक तीर्थ यात्रियों ने अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए हैं अगस्त तक ये तादाद 3 लाख तक जा सकती है।
वहीं मौसम खराब होने के कारण बीच में 2 से 3 दिन तक यात्रा को रोकना भी पड़ा।
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(Government has issued helpline)सरकार ने जारी की है हेल्पलाइन
अमरनाथ हादसे में फंसे छत्तीसगढ़ के तीर्थ यात्रियों की सहायता के लिए सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।
इनमें नई दिल्ली स्थित आवासीय आयुक्त कार्यालय के अधिकारी गणेश मिश्रा का मोबाइल नंबर 9997060999 , 9868977921 व छत्तीसगढ़ सदन का हेल्पलाइन नंबर 01146156000 है।
आपदा में फंसे तीर्थ यात्री या उनके परिजन इन नंबरों में संपर्क कर सूचना दे सकते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वहां फंसे राज्य के लोगों को हर संभव मदद करने के निर्देश अफसरों को दिए हैं।