World Environment Day : केबीकेएस पर्यावरण मित्र सेना ने ग्राम खमढोड़गी में मनाया विश्व पर्यावरण दिवस

World Environment Day :

World Environment Day केबीकेएस पर्यावरण मित्र सेना ने ग्राम खमढोड़गी में मनाया विश्व पर्यावरण दिवस

World Environment Day चारामा। कोया बुमकाल क्रांति सेना, पर्यावरण मित्र सेना के तत्वधान में विश्व पर्यावरण दिवस को 50 वर्ष पूर्ण करने के उपलक्ष्य में रोफरा ग्राम खमढोड़गी (कोकपुर) में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। भारत समेत विश्वभर में 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाते हैं। इस मौके पर सभी देश अलग अलग तरीके से पर्यावरण के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। इसी कड़ी में रोफरा ग्राम खामढोड़गी में भी मनाया गया।

कार्यकम का शुभारंभ अतिथियों ले द्वारा बांध किनारे पौधा रोपण कर किया गया। कार्यक्रम का मुख्य अतिथि ललित नरेटी प्रदेश उपाध्यक्ष सर्व आदिवासी युवा प्रभाग छग, अश्वनी कांगे सेनापति केबीकेएस भारत, अध्यक्षता शिवराम उसेंडी अध्यक्ष रोफरा ग्राम खमढोड़गी, विशेष अतिथि प्यार सिंग मंडावी सरपंच कोकपूर, गन्नू जुर्री ग्राम गायता, लच्छू कोमरा ग्राम पटेल, कुमार मंडावी शिक्षक रोफरा ग्राम, मनजीत साहू प्रोग्राम मैनेजर समर्थन एसबीआई फाउंडेशन, इंदल मंडावी क्षेत्रीय अध्यक्ष गोंडवाना समाज समन्वय समिति माकडी, सुखमेन नेताम क्षेत्रीय अध्यक्ष भीरावाही, योगेश नरेटी जिला अध्यक्ष सर्व आदिवासी युवा प्रभाग कांकेर उपस्थित थे।

रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जिसमे पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन पर आधारित रहा। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया।

पर्यावरण संरक्षण के प्रति काम करने वाले 100 से अधिक पर्यावरण मित्र को प्रशस्ति पत्र के साथ एक एक पौधा प्रदान कर सम्मानित किया गया जो पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन में लगे हुए हैं।

इस अवसर पर अतिथियों ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972 में की थी।

विश्व पर्यावरण दिवस का मूल वाक्य ‘प्लास्टिक प्रदूषण के विरुद्ध समाधान’ है. दुनिया भर में प्रतिवर्ष 400 मिलियन टन प्लास्टिक उपयोग किया जाता है. उसमें से मात्र आधा ऐसा है, जिसको सिर्फ एक बार ही उपयोग करने के लिए बनाया जाता है. उसका भी 10 प्रतिशत से भी कम प्लास्टिक का रिसायकिल किया जाता है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि 19 से 23 मिलियन टन प्रदूषित प्लास्टिक तो नदियों, झीलों तथा समुद्र में समा जाता है। आज प्लास्टिक के उपयोग के चलते पृथ्वी पर बहुत सारी स्वास्थ्यगत समस्याएं खड़ी है ।

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कार्यक्रम के अन्त में सभी को पर्यावरण बचाने का शपथ दिलाया गया। इस अवसर पर संदीप सलाम, भूपेंद्र नेताम, दीपक दर्रो, रोहित नेताम, रामकुमार मंडावी, येरुंग कुमेटी, गौरव तेता, रविप्रकाश कोर्राम, असवन कुंजाम, मीनू तारम, वर्षा वट्टी, प्रदीप मंडावी, सोनिका मंडावी, संत मंडावी आदि उपस्थित थे।

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