Women’s Commission देह व्यापार व बंधुआ मजदूरी के लिए की जाती है मानव तस्करी : डॉ. किरणमयी नायक

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Women’s Commission महिला आयोग की अध्यक्ष ने की विभिन्न प्रकरणों की सुनवाई

आठ प्रकरण नस्तीबद्ध किए गए

Women’s Commission धमतरी। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक (कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त) ने आयोग को मिले आवेदनों पर आज सुनवाई करते हुए विभिन्न प्रकरणों में अपना निर्णय दिया, साथ ही दोनों पक्षों की दलीलें भी सुनीं। इस दौरान आयोग की सदस्य डॉ. अनिता रावटे भी उपस्थित थीं। आज की सुनवाई के दौरान कुल आठ प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया गया।

Women’s Commission जिला पंचायत के सभाकक्ष में आज दोपहर को आयोजित राज्य महिला आयोग की सुनवाई के दौरान अध्यक्ष डॉ. नायक ने विभिन्न प्रकरणों की सिलसिलेवार सुनवाई की। उन्होंने बताया कि जिले में मानव तस्करी का मामला शून्य है यानी धमतरी जिले में इसके अंतर्गत एक भी प्रकरण सामने नहीं आया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि शारीरिक शोषण, देह व्यापार व बंधुआ मजदूरी तक के लिए मानव तस्करी की जाती है।

मानव तस्करी की समस्या से निपटने के लिए सबसे पहले लोगों को जागरूक करना होगा। इसके लिए सभी को मानव व्यापार के खतरों और उसके दुष्प्रभाव के बारे में गांव एवं शहर के लोगों को जागरूक करना होगा। डॉ. नायक ने बताया कि मानव तस्करी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ प्रत्येक जिले में भ्रमण करेगा, जो आमजनता में जागरूकता का कार्य करेगा। डॉ. नायक ने बताया कि यह रथ धमतरी जिले में जल्द ही पहुंचने वाला है।

आयोग की सुनवाई में सामाजिक बहिष्कार के एक प्रकरण में पिछली सुनवाई में आयोग की ओर से जिला संरक्षण अधिकारी, नवा बिहान एवं पुलिस ग्रामसभा में उपस्थित थे। बताया गया कि ग्रामसभा की बैठक में आवेदिका को समाज में सम्मिलित करने की सार्वजनिक घोषणा की गई थी, जिसका समस्त दस्तावेज आयोग को प्रस्तुत किया गया। इसके बाद इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

एक अन्य प्रकरण में यह पाया गया कि अनावेदक आयोग की सुनवाई में लगातार अनुपस्थित रहा है। आज की सुनवाई के दौरान आवेदिका ने अपनी सुनवाई आयोग कार्यालय रायपुर में स्थानांतरित कर अनावेदक को तामील कर इस प्रकरण की सुनवाई करने की मांग की, जिस पर विचार करते हुए उक्त प्रकरण को रायपुर जिले में स्थानांतरित किया गया। इन प्रकरणों के अलावा एक और मामले में सूचना के उपरांत भी आवेदिका अनुपस्थित रहीं, जबकि आवेदक उपस्थित रहा।

Women’s Commission इस संबंध में उनसे फोन पर पूछने पर कहा कि वह उक्त प्रकरण की सुनवाई आयोग में आगे जारी नही करना चाहती। साथ ही प्रकरण समाप्त करने का अनुरोध उनके द्वारा किया गया। उक्त प्रकरण को भी नस्तीबद्ध किया गया तथा अनावेदक पक्ष ने न्यायालय में चल रहे प्रकरण का दस्तावेज आयोग को दिया है।

Women’s Commission आयोग की सुनवाई के दौरान कलेक्टर  पी.एस. एल्मा, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रियंका महोबिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  मेघा टेंभुरकर सहित आयोग के अधिकारी-कर्मचारी और प्रकरणों की सुनवाई के लिए पहुंचे आवेदक एवं अनावेदक पक्ष के लोग उपस्थित थे।

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