winter session संसद के अंदर और बाहर विपक्षी पार्टियों में दिखी एकजुटता
winter session संसद के शीतकालीन सत्र में भले विपक्षी पार्टियों के उठाए मुद्दों पर चर्चा नहीं हुई लेकिन संसद के अंदर और बाहर विपक्षी पार्टियों में एकजुटता देखने को मिली। ऐसी पार्टियां, जो एक दूसरे का खुल कर विरोध करती हैं और चुनाव में एक दूसरे को नुकसान पहुंचाने के लिए लड़ती हैं वो पार्टियां भी एक साथ आईं।
winter session आम आदमी पार्टी के नेता भी कांग्रेस की बुलाई बैठक में शामिल हुए तो तृणमूल कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति के नेता भी कांग्रेस के साथ बैठे। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए दो बैठकें कीं और उनमें आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और बीआरएस के नेता शामिल हुए। संसद के अंदर विपक्षी पार्टियों ने एक दूसरे के पूरक के तौर पर काम किया। हर पार्टी ने दूसरी विपक्षी पार्टी के उठाए मुद्दों का समर्थन किया।
winter session चीन के मसले पर चर्चा नहीं कराने के विरोध में संसद परिसर में सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सांसद जुटे तो सभी विपक्षी पार्टियों के नेता उस विरोध में शामिल हुए। इसी तरह केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने बिहार के विरोध में अपमानजनक टिप्पणी की तो राष्ट्रीय जनता दल ने इसका मुद्दा बनाया और सभी पार्टियों के नेता राजद के साथ इसके विरोध में शामिल हुए। संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने राजद के साथ उसकी सहयोगी जदयू और कांग्रेस तो शामिल हुए ही साथ ही डीएमके, शिव सेना, तृणमूल कांग्रेस आदि के सांसद भी शामिल हुए।
इससे पहले कांग्रेस की बुलाई बैठकों में आप, तृणमूल और बीआरएस के नेता शामिल नहीं होते थे। इस बार तृणमूल ने कांग्रेस के वाकआउट में भी उसका साथ दिया। हालांकि इससे यह नहीं कहा जा सकता है कि राजनीतिक मोर्चे पर भी सभी विपक्षी पार्टियां एक हो जाएंगी। लेकिन संसद की एकजुटता बाहर भी जरूर काम आएगी।