शासकीय राशि का दुरुपयोग करने वाले DFO पर कब होगी जांच और कार्रवाई

तो वहीं डीएफओ निवास के मॉड्यूलर किचन से लेकर स्मार्ट बेडरूम तक उच्च गुणवत्ता की महंगी वस्तुएं लगाए जा रहे हैं, इसमें भी लाखों रुपए की राशि खर्च की जा रही है। जिसकी खबर प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था जिसको संज्ञान में लेते हुए मुख्य वन सरंक्षक कांकेर राजेश चंदेले ने पत्र जारी करते हुए कोंडागांव डीएफओ को शिकायतकर्ता के उपस्थित में स्वयं जाकर 15 दिवस के भीतर जांच कर कार्यालय को प्रस्तुत करें कहा गया था। लेकिन 15 दिवस बीत जाने के बाद भी अभी तक जांच शुरू नहीं किया गया है।


आपको बात दे शासकीय क्वाटर में निवासरत वन विभाग के छोटे कर्मचारी बारिश के दिनों में अपने शासकीय घर में छत से पानी टपकने से परेशान रहते है, पॉलीथिन के भरोसे उनका जीवन चलता रहा है तो वहीं बड़े शौकीन अधिकारी किस तरह शासकीय राशि का दुरूपयोग करते है, इसका जीता जगता उदाहरण आपके सामने है,

वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा भवन मरम्मत के लिए कई बार आवेदन दिया गया लेकिन आज पर्यन्त तक भवन की मरम्मत नही हो पाई है। बड़े साहब अपनी शान-ओ-शौकत के लिए सभी नियम कायदे को दर किनार करते हुए मनचाहे ढंग से अपने बंगले व कार्यालय को रेनोवेट करवा लेते हैं जबकि निचले स्तर के कर्मचारियों के लिए बजट आभाव का बाहना बना लिया जाता हैं।

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