रायपुर। गीता जयंती हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन पर्व है, जो महाभारत युद्ध के दौरान भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए दिव्य उपदेश — श्रीमद्भगवद्गीता — की स्मृति में मनाया जाता है। यह केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन, कर्तव्य, कर्म और ज्ञान का ऐसा शाश्वत मार्गदर्शन है, जिसकी प्रासंगिकता आज भी उतनी ही गहरी है जितनी सहस्रों वर्ष पूर्व थी।

गीता जयंती कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, गीता जयंती मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है।
इस वर्ष:
- एकादशी तिथि प्रारंभ: 30 नवंबर, रविवार – रात 9:29 बजे
- एकादशी तिथि समाप्त: 1 दिसंबर, सोमवार – सुबह 7:01 बजे
उदय तिथि के अनुसार, गीता जयंती 1 दिसंबर (सोमवार) को मनाई जाएगी।

गीता जयंती का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
माना जाता है कि गीता जयंती के दिन गीता पाठ और मनन करने से:
- जीवन में शांति, ज्ञान और आत्मविश्वास बढ़ता है
- मोह और भ्रम दूर होते हैं
- कर्मयोग और धर्मपालन की प्रेरणा मिलती है
- साधक के लिए मुक्ति और मोक्ष के मार्ग प्रशस्त होते हैं
शास्त्रों के अनुसार, नियमित गीता अध्ययन से ज्ञान चक्षु खुलते हैं और व्यक्ति जीवन के जटिल प्रश्नों का समाधान सहजता से समझ पाता है।