पॉलीग्राफ टेस्ट में CBI ने आरोपी से पूछे ये सवाल
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और फिर हत्या के मामलो को लेकर पूरे देश में गुस्सा है. सीबीआई ने इस मामले को लेकर मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट भी किया, जिसमें उसने कोलकाता केस में किसी भी तरह की संलिप्तता से कथित तौर पर इंकार किया.
पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान 10 सवाल पूछे गए
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक संजय रॉय आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर का शव मिलने के बाद घटनास्थल से फरार हो गया था. रिपोर्ट के मुताबिक संजय रॉय से सीबीआई ने पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान 10 सवाल पूछे. इस दौरान जांच अधिकारी के साथ तीन पॉलीग्राफ विशेषज्ञ भी मौजूद थे. आरजी कर अस्पताल में सिविक वॉलेंटियर के रूप में काम करने वाला मुख्य आरोपी संजय रॉय ने 10 अगस्त 2024 को गिरफ्तारी के बाद पहले तो अपना अपराध कबूल कर लिया था, लेकिन बाद वह अपने बयान से मुकर गया और कहा कि उसे फंसाया जा रहा है और वह निर्दोष है.
पॉलीग्राफ टेस्ट संजय ने क्या बोला?
संजय रॉय को पॉलीग्राफ टेस्ट 25 अगस्त को कोलकाता के प्रेसिडेंसी सेंट्रल जेल में हुआ, जहां फिलहाल वह बंद है. बता दें कि पॉलीग्राफ टेस्ट अदालत में सबूत के तौर पर स्वीकार्य नहीं होते. संजय रॉय ने कथित तौर पर पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान सीबीआई को बताया कि उसने मर्डर नहीं किया है. उसने कहा कि वह शव देखने के बाद सेमिनार हॉल से भाग गया था. संजय रॉय को इस जघन्य हत्याकांड के एक दिन बाद 10 अगस्त को सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया गया था. उसका ब्लूटूथ हेडसेट सेमिनार हॉल के अंदर पाया गया, जहां यह घटना हुई थी.
संजय रॉय ने बेगुनाही का दावा किया
आरोपी संजय रॉय की वकील कविता सरकार के अनुसार पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान भी उसने अपनी बेगुनाही का दावा किया था. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, संजय रॉय से यह भी पूछा गया कि महिला की कथित हत्या के बाद उसने आगे क्या किया? इसके जवाब में संजय रॉय ने सीबीआई के अधिकारियों से कहा कि यह सवाल ही गलत है, क्योंकि उसने महिला की हत्या नहीं की.
एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सीबीआई ने ट्रेनी डॉक्टर के साथ गैंगरेप की संभावना से इंकार किया है और इस मामले में संजय रॉय को एकमात्र संदिग्ध बताया. सीबीआई के मुताबिक जो सबूत मिले हैं वह संजय रॉय को ही दोषी ठहरा रहा है. सीबीआई ने बताया कि जांच अब अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही चार्जशीट दायर किया जाएगा.
रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई ने आरोपी के डीएनए के साथ एक मेडिकल रिपोर्ट जांच के लिए दिल्ली एम्स भेजा है. जांच एजेंसी ने अब तक 100 से अधिक बयान दर्ज किए हैं और 10 पॉलीग्राफ टेस्ट किए. सीबीआई ने डॉ. संदीप घोष पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप भी लगाए हैं, जो घटना के समय आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल थे.