गरियाबंद। गरियाबंद जिला मुख्यालय में आज माता शीतला मंदिर से 475 महिलाओं की विसर्जन यात्रा निकली, जिसने नगर को भक्तिमय रंग में रंग दिया। यह आयोजन परंपरा और आस्था का जीवंत प्रतीक माना जाता है और इसे सौ साल से भी अधिक समय से मनाया जा रहा है।
सिर पर जवारा, हाथों में आस्था
महिलाएं सिर पर जवारा और हाथों में पूजा की सामग्री लेकर मंदिर से निकलीं। मांदर और मंजीरे की थाप पर श्रद्धालु झूमते रहे। 475 महिलाओं की यह कतार लगभग आधे किलोमीटर लंबी बन गई, और पूरे नगर में भक्तिरस की गूंज सुनाई दी।

नवरात्रि का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
गरियाबंद में नवरात्रि केवल पूजा-पाठ का पर्व नहीं, बल्कि परंपरा, श्रद्धा और सामाजिक एकता का उत्सव भी है। इस विसर्जन यात्रा के माध्यम से पीढ़ियों से चली आ रही आस्था की लौ को आगे बढ़ाया जा रहा है।
शहरवासियों और श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया और आयोजन को सफल बनाया।
