प्रदेश के कई जिले आज भी हाथियों के आतंक की जद में होने के चलते रातों की नींद उड़ चुकी है क्योंकि देर रात हाथी का झुंड कब आ जाए और कब प्राण घात हमला कर दे इस दहशत में लोग जीने को मजबूर है…
दरअसल
लैलूंगा क्षेत्र में बीती रात जंगली हाथी ने जमकर उत्पात मचाते हुए कई घरों को तोड़ते हुए घर में रखें धान को खाया, पिछले सप्ताह भर से दो हाथियों के आतंक से
कई गाँव में ग्रामीण दहशत के साए में रात गुजारने पर मजबूर है…
बताया जा रहा जिले के धरमजगढ़ वन मंडल के लैलूंगा रेंज में पिछले सप्ताह भर से अधिक समय से विचरण करने वाले हाथियों का आतंक से कई गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है, क्षेत्र में विचरण कर रहे हाथी कभी किसी का घर तोड रहे तो कभी धान खरीदी केन्द्र पहुचकर धान खा रहे हैं बीती रात एक बार फिर से एक हाथी ने जमकर उत्पात मचाते हुए होर्रोगुडा गांव में 02 किसानों के अलावा छातासराई गांव मेें 04 किसानों के घर को तोड़ते हुए वहां रखे कई बोरी धान को खाने के बाद आतंक मचाया है…।सुबह हाथी के उत्पात की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम गांव पहुची है और नुकसान के आंकलन करने में जुट गई है, हाथी के आतंक से आसपास के आधे दर्जन से भी अधिक गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है…
सरकार बदल गई, हालात नहीं बदली…
बता दे छत्तीसगढ़ में हाथी के प्रकोप से मुक्ति दिलाने के लिए वन विभाग तरह-तरह के प्रयास करते रहे..वही डॉक्टर रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुए उस समय से कई तकनीकी प्रयास भी किए गए.फिर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में भी तरह-तरह के हथकंडे अपनाए गए उसके बावजूद मंसूबे पर पानी फिर गया..आलम यह है की लोग अपने हालात में जीने मजबुर है.