कांकेर। जिले के सुलगी गांव में रविवार को 20 गांवों के समाज प्रमुखों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें धर्मांतरण के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता व्यक्त की गई। बैठक में पारंपरिक रीति-रिवाजों को संरक्षित रखने के उद्देश्य से गांव में बाहरी धार्मिक प्रभावों पर नियंत्रण की बात कही गई।
ग्राम सभा द्वारा पारित प्रस्ताव के तहत ईसाई समाज से जुड़े व्यक्तियों के गांव में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय की जानकारी देने के लिए गांव के प्रवेश द्वार पर एक बोर्ड भी लगाया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुलगी गांव के 16 परिवारों ने धर्म परिवर्तन किया है, जिनमें से 2 परिवार फिर से मूल समाज में लौट आए हैं, जबकि 14 परिवार अब भी दूसरे धर्म का पालन कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह विरोध किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि उन गतिविधियों के खिलाफ है, जो गांव के पारंपरिक जीवन, रीति-रिवाज और सामाजिक सौहार्द को प्रभावित कर रही हैं।
बैठक में स्थानीय समाज प्रमुखों ने एकमत से अपील की कि बाहरी धार्मिक प्रभावों से ग्रामीण समाज की एकता और संस्कृति को सुरक्षित रखा जाए।