छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में पुलिस ने एक अंतरराज्यीय शातिर चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह लंबे समय से सूने मकानों और दुकानों में चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहा था। पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड पिता-पुत्र समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार कर 20 लाख रुपये से अधिक के चोरी के सामान बरामद किए हैं।

पकड़े गए आरोपियों में ओडिशा के नवरंगपुर जिले के बारिगुडा निवासी सूरज बारीक (21), उसके पिता भुवनेश्वर बारीक (39), दो सहयोगी भूपेंद्र नेताम (20) और लिंगराज नेताम (22) के अलावा चोरी का माल खरीदने वाले दो आरोपित — देवबंद निवासी देवाशीष राउत रॉय और रायपुर की प्रीत मिस्त्री शामिल हैं।
एसपी ने किया खुलासा, साइबर सेल और दो थानों की संयुक्त कार्रवाई
मामले का खुलासा करते हुए एसपी निखिल राखेचा ने बताया कि यह गिरोह ओडिशा से छत्तीसगढ़ आकर अलग-अलग जिलों में चोरी करता था। आरोपियों के खिलाफ अमलीपदर थाना में एक और देवभोग थाना में तीन अपराध पंजीबद्ध किए गए हैं।
पुलिस ने बताया कि 31 मार्च से 14 अक्टूबर के बीच आरोपियों ने कई जगहों पर सेंधमारी की। इनके खिलाफ BNS की धारा 305, 331(4), 317 के तहत अपराध दर्ज हुआ। साइबर सेल, अमलीपदर और देवभोग पुलिस की संयुक्त टीम ने तकनीकी निगरानी के जरिए आरोपियों तक पहुंचने में सफलता पाई।
मोबाइल चोरी ने खोला राज — 96 फोन बरामद, 12 लाख की कीमत
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 96 चोरी किए गए मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनकी बाजार कीमत करीब ₹12 लाख 10 हजार 400 रुपये बताई जा रही है। इसके अलावा 8 लाख रुपये के सोने-चांदी के जेवर, चोरी के पैसों से खरीदी गई ब्रेजा कार और एक मोटरसाइकिल भी जब्त की गई है।
एसपी के अनुसार, इस गिरोह के पकड़े जाने में सायबर सेल की तकनीकी जांच ने अहम भूमिका निभाई। चोरी के बाद जब कुछ मोबाइल 21 अक्टूबर को सक्रिय हुए, तो पुलिस ने लोकेशन ट्रेस कर खरीदार तक पहुंच बनाई। इसी के बाद पूरी साजिश का पर्दाफाश हुआ।

देवभोग से शुरू हुआ सुराग — पिता-पुत्र चलाते थे पूरी गैंग
मुख्य आरोपी भुवनेश्वर बारीक देवभोग के राजापारा इलाके में किराए के मकान में रहकर अपने बेटे और दो सहयोगियों के साथ चोरी की योजना बनाता था। 14 अक्टूबर को इस गिरोह ने अमलीपदर की एक मोबाइल दुकान में सेंधमारी कर 96 मोबाइल चोरी किए थे।
इनमें से 10 मोबाइल देवबंद के कारोबारी देवाशीष राउत रॉय को बेच दिए गए। 21 अक्टूबर को जब उसने तीन मोबाइल बेचे, तभी पुलिस की निगरानी में वे ट्रेस हो गए। लोकेशन के आधार पर पुलिस ने रायपुर और देवभोग में छापेमारी की, जहां से गिरोह का पूरा नेटवर्क उजागर हो गया।
जेवरात चोरी की वारदातें भी कबूलीं — रायपुर से मिला चोरी का माल
पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि उन्होंने देवभोग थाना के सामने रहने वाले सरकारी कर्मचारी शेष नारायण के सूने मकान और दो ज्वेलरी शॉप्स में भी चोरी की थी। पुलिस ने रिमांड लेकर पूछताछ की तो उन्होंने रायपुर के उस ठिकाने का खुलासा किया, जहां चोरी का माल बेचा जाता था।
पुलिस टीम ने रायपुर में छापेमारी कर 2 किलो चांदी और सोने के जेवरात बरामद किए। खरीदारों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। फिलहाल सभी आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजे गए हैं, जबकि पुलिस गिरोह के अन्य संभावित नेटवर्क की जांच कर रही है।

पुलिस की बड़ी सफलता, जनता को दी चेतावनी
गरियाबंद एसपी निखिल राखेचा ने कहा —
“यह गिरोह राज्य की सीमाओं से परे काम करता था और तकनीकी साधनों का दुरुपयोग कर चकमा देने की कोशिश करता था। हमारी टीम ने साइबर मॉनिटरिंग और फील्ड इंटेलिजेंस की मदद से गिरोह का सफाया किया है।”
उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे अपने घरों और दुकानों में सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा लॉक और अलार्म सिस्टम का उपयोग करें, ताकि अपराधियों पर अंकुश लगाया जा सके।