भारतीय सिनेमा और टेलीविजन जगत के दिग्गज अभिनेता सतीश शाह का शनिवार दोपहर निधन हो गया। वे 74 वर्ष के थे। बताया जा रहा है कि दोपहर करीब 2:30 बजे मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। लंबे समय से किडनी से जुड़ी बीमारी से जूझ रहे सतीश शाह का हाल ही में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था, लेकिन स्वास्थ्य धीरे-धीरे बिगड़ता चला गया।
उनके निधन की पुष्टि उनके मैनेजर ने की है। फिलहाल उनका पार्थिव शरीर अस्पताल में रखा गया है और अंतिम संस्कार रविवार को मुंबई में किया जाएगा।
अचानक बिगड़ी तबीयत, खाना खाने के बाद हुई मौत
कॉमेडियन जॉनी लीवर, जो सतीश शाह के करीब 40 साल पुराने दोस्त रहे हैं, ने बताया कि अभिनेता की तबीयत अचानक बिगड़ी। लीवर ने कहा — “सतीश पिछले कुछ समय से डायलिसिस पर थे। उनका ट्रांसप्लांट कोलकाता में हुआ था और वे डेढ़ महीने बाद ठीक होकर लौटे थे। आज दोपहर उन्होंने खाना खाया, उसके तुरंत बाद अचानक गिर पड़े और वहीं उनका निधन हो गया।”
अस्पताल सूत्रों के अनुसार, सतीश शाह को उनके सहयोगी रमेश अस्पताल लेकर पहुंचे थे, जो वर्षों से उनके साथ काम कर रहे थे। डॉक्टरों ने पहुंचते ही उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सुबह भेजी थी आखिरी सेल्फी — बोले थे ‘देखो, मैं कितना स्मार्ट लग रहा हूं’
फिल्ममेकर विवेक शर्मा ने बताया कि शनिवार सुबह ही उनकी सतीश शाह से बातचीत हुई थी। दोनों रोज़ एक-दूसरे को वीडियो और रील्स भेजते थे। विवेक शर्मा ने कहा —
“उन्होंने सुबह मुझे अपनी एक सेल्फी भेजी और कहा, ‘देखो विवेक, मैंने 20-22 किलो वजन घटा लिया है, अब मैं कितना हैंडसम लग रहा हूं।’ उन्होंने कहा था कि नवंबर से हम नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू करेंगे। यह सोच भी नहीं सकता कि वही उनकी आखिरी बातचीत थी।”
गुजराती परिवार में जन्म, FTII से हासिल की फिल्म शिक्षा
25 जून 1951 को गुजरात के मांडवी में जन्मे सतीश शाह एक गुजराती परिवार से थे। उन्होंने मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और फिर पुणे के फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से अभिनय की शिक्षा ली।
सतीश शाह ने वर्ष 1972 में डिजाइनर मधु शाह से शादी की थी। वे हमेशा सादगीपूर्ण जीवन के लिए जाने जाते थे और फिल्म इंडस्ट्री में अपनी हाजिरजवाबी व विनम्र स्वभाव के कारण सबके प्रिय थे।
टीवी से लेकर फिल्मों तक – चार दशक का सफल सफर
सतीश शाह ने अपने करियर की शुरुआत 1970 में आई फिल्म ‘भगवान परशुराम’ से की थी। लेकिन उन्हें असली पहचान छोटे पर्दे से मिली।
वर्ष 1984 में टीवी शो ‘ये जो है जिंदगी’ से उन्होंने टीवी डेब्यू किया। यह शो अपने आप में अनोखा था, क्योंकि इसके 55 एपिसोड्स में सतीश शाह ने 55 अलग-अलग किरदार निभाए थे — जो भारतीय टेलीविजन के इतिहास में एक रिकॉर्ड है।
इसके बाद उन्होंने कई लोकप्रिय धारावाहिकों में काम किया, जिनमें ‘फिल्मी चक्कर’, ‘घर जमाई’, ‘टॉप 10’ और सबसे चर्चित ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ शामिल है। इस शो में उन्होंने इंद्रवदन साराभाई का किरदार निभाया था, जो आज भी टीवी कॉमेडी के सबसे यादगार किरदारों में गिना जाता है।
‘मैं हूं ना’ से ‘ओम शांति ओम’ तक फिल्मों में अमर किरदार
सतीश शाह ने बॉलीवुड में भी अपनी कॉमिक टाइमिंग से एक अलग पहचान बनाई। उन्होंने ‘जाने भी दो यारों’ (1983), ‘कल हो ना हो’ (2003), ‘मैं हूं ना’ (2004), ‘फना’ (2006) और ‘ओम शांति ओम’ (2007) जैसी सुपरहिट फिल्मों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं।
उनका अभिनय गंभीरता और हास्य का संतुलन बनाए रखने के लिए जाना जाता था। 2008 में वे ‘कॉमेडी सर्कस’ में अर्चना पूरन सिंह के साथ बतौर जज नजर आए।
वर्ष 2015 में उन्हें फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) की सोसाइटी का सदस्य भी बनाया गया था।
सिनेमा जगत में शोक की लहर
सतीश शाह के निधन से फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में शोक की लहर है। अनुपम खेर, जॉनी लीवर, बोमन ईरानी और रत्ना पाठक शाह जैसे कलाकारों ने उन्हें याद करते हुए कहा —
“वे सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक संस्था थे। उन्होंने भारतीय कॉमेडी को नई दिशा दी।”
आखिरी मुस्कान के साथ छोड़ी यादें
सतीश शाह ने अपनी आखिरी सेल्फी मुस्कान के साथ ली थी — वही मुस्कान जो उनके चाहने वालों के दिलों में हमेशा जीवित रहेगी।