Vamana Avatar: आचार्य राजेंद्र शर्मा ने सुनाया वामन अवतार की कथा

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:राम नारायण गौतम:

सक्ती: तमनार व्यास पीठ  से भागवताचार्य राजेंद्र शर्मा ने श्रीमद् भागवत  कथा के चौथे दिन वामन अवतार , राम जन्म की कथा श्रवण कराते हुए भक्तगणों को कहा   इस धरा पर भारत भूमि में राम की संस्कृति है, रोम की नहीं l श्री राम हमारे आराध्य हैं, और भवसागर से तारने वाले तारक नाम भी है, जिनकी महिमा और गुणगान भगवान शिव नित्य किया करते हैं  l श्री राम ने मर्यादा का पालन करते हुए जैसा किया वह सभी मनुष्यों को करना चाहिए l श्री राम ने जो किया और श्री कृष्ण ने जो कहा -हमारे लिए यह अद्भुत प्रेरणा है l भगवत गीता योग शास्त्र है, जहां ज्ञान योग कर्म योग और भक्ति योग की प्रेरणा दी गई है l रामचरितमानस प्रयोगशास्त्र है, इसलिए रामचरितमानस के दिव्य प्रेरणा को हमें अपने जीवन में प्रयोग करना चाहिए l श्रीमद् भागवत वियोग शास्त्र है , जिस दिन मनुष्य दुनिया से जाते हैं तो भागवत रूपी परम धन ही सद्गति का कारण बनता है l यह उद्गार रायगढ़ जिले के डोळेसरा में आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण कथा अमृत महोत्सव के चौथे दिन व्यास पीठ से छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध भागवत आचार्य राजेंद्र महाराज ने प्रकट किया .

आचार्य द्वारा वामन प्रसंग का वर्णन करते हुए बताया गया की वर्तमान कलयुग में धर्म के चार चरण — सत्य, तप, दया और दान में केवल एक ही चरण दान बचा हुआ हैl

राजा बलि ने तीन पग में अपना सर्वस्व वामन भगवान को दान में दे दिया, तब भगवान राजा बलि के ऋणी हो गए  l  दान की बड़ी अद्भुत महिमा है, अपना सर्वस्व समर्पण का भाव रखने मात्र से ही भगवान दानदाता पर अद्भुत कृपा करते हैं  — राजा बलि की रक्षा करने पातालपुरी में  भवन के द्वार पर रक्षक बन गए जब बलि को हमेशा के लिए चिरंजीवी बना दिया l

आचार्य ने बताया कि, संसार के समस्त प्राणी अपने-अपने कर्मों के कारण ही जन्म प्राप्त करते हैं, किंतु भगवान का अवतार तो करुणा वश होता हैl जब जब धरती पर अधर्म और पाप का भार बढ़ता है , स्वयं धरती के राजा ही — धर्म के विरुद्ध निर्णय लेते हैं तब भगवान सबका कल्याण करने के लिए अवतार लेते हैं l भगवान नारायण ही 28 वे द्वापर युग में श्री कृष्ण बनकर, दिव्य लीला करते हुए पाप और अधर्म का नाश किया l श्री कृष्ण की लीलाओं में , वर्तमान भारत के लिए अद्भुत प्रेरणा और ज्ञान है l

इस श्रीमद् भागवत आयोजन का बड़ा उद्देश्य 21 जोड़ी निर्धन कन्याओं का विवाह करना भी है l जन सहयोग एवं समाज की अद्भुत प्रेरणा से कन्याओं के विवाह भी संपन्न होंगे l प्रतिदिन 21 आचार्य के द्वारा विशाल रुद्राभिषेक के साथ महा आरती संकीर्तन एवं संगीत आचार्य के द्वारा मधुर संकीर्तन से श्रोता कथा अमृत का आनंद प्राप्त कर रहे हैं l आसपास के अनेक ग्रामों से हजारों श्रोता प्रतिदिन कथा श्रवण का पुण्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं l

आयोजन समिति छत्तीसगढ़ एजुकेशन डेवलपमेंट, एसोसिएशन द्वारा अधिक से अधिक संख्या में कथा श्रवण करने की अपील की गई है