Uttarakhand Police : रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़े गए सहायक अभियन्ता, आठ वर्ष के कारावास की सजा
Uttarakhand Police : देहरादून/नैनीताल ! वर्ष 2016 में उत्तराखंड पुलिस की सतर्कता विभाग के दल (विजिलेंस टीम) की ओर से रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किए गए एक सहायक अभियन्ता को शुक्रवार को न्यायालय ने आठ वर्ष के कारावास और जुर्माना भरने का आदेश दिया। जुर्माना राशि का भुगतान न करने पर छह-छह मास अर्थात एक वर्ष की अतिरिक्त कारावास का दंड भोगना होगा।
Uttarakhand Police : विजिलेंस के पुलिस अधीक्षक (एसपी) धीरेन्द्र गुंज्याल ने बताया कि निर्माण खण्ड, लोक निर्माण विभाग के खटीमा, जनपद ऊधमसिंह नगर के तत्कालीन सहायक अभियंता चन्द्र सिंह रौतेला को न्यायालय ने यह सजा सुनाई। उन्होंने बताया कि 22, जनवरी, 2016 को शिकायतकर्ता ठेकेदार मोहम्मद रियाज पुत्र अखलाक अहमद, निवासी ग्राम सरकड़ा, तहसील सितारगंज, जिला ऊधमसिंह नगर द्वारा विजिलेंस में एक मार्ग निर्माण के भुगतान के बदले उक्त अभियंता द्वारा रुपए 55,000/- रिश्वत की मांगने की शिकायत की। प्रथम दृष्टया आरोप सही पाकर विजिलेंस की ट्रैप टीम ने उक्त अभियंता रौतेला को उक्त धनराशि लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
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Uttarakhand Police : गुंज्याल ने बताया कि इस मामले में शुक्रवार को नैनीताल जिले के हल्द्वानी की अपर सेशन न्यायाधीश नीलम रात्रा द्वारा अभियुक्त चन्द्र सिंह रौतेला को दोषी पाते हुये भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 में तीन वर्ष का कठोर कारावास व 25000/ हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड अदा न करने पर छः माह के अतिरिक्त साधारण कारावास से दण्डित किया गया तथा अनि(अधि(0) 1988 की धारा 7/13 (1) डी सपठित धारा 13(2) में, पाँच वर्ष का कठोर कारावास व 25000/ हजार रुपये के जुर्माना से दण्डित किया गया। जुर्माना राशि अदा न करने पर छः माह के अतिरिक्त साधारण कारावास से दण्डित किया गया है।