यूक्रेन ने रूस पर एक विनाशकारी और अभूतपूर्व हमला किया है|
जिसके चलते राजधानी मॉस्को सहित कई प्रमुख रूसी शहरों में ब्लैकआउट हो गया
और सरकार को आपातकाल (Emergency) घोषित करना पड़ा।
अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों के मुताबिक, यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद
रूस पर हुआ सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, यूक्रेनी सेना ने एक साथ 13 रूसी शहरों को ड्रोन और मिसाइलों से निशाना बनाया। हमले की तीव्रता इतनी अधिक थी कि मॉस्को, ओरिओल, तुला और कालुगा जैसे प्रांतों में बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई।

ओरिओल क्षेत्र में स्थित एक मुख्य थर्मल पावर प्लांट को गंभीर क्षति पहुँची है। यह प्लांट रूस की कई हथियार निर्माण फैक्ट्रियों को बिजली सप्लाई करता था। उसके बंद होने से रूस की सैन्य उत्पादन श्रृंखला पर बड़ा असर पड़ सकता है।
ब्लैक सी पोर्ट ‘तुआप्से’ को भारी नुकसान
हमले का सबसे बड़ा निशाना बना ब्लैक सी (Black Sea) पर स्थित तुआप्से पोर्ट, जहां तेल टर्मिनल में भीषण आग लग गई। उपग्रह चित्रों के अनुसार, पोर्ट के कई हिस्सों में आग और धुएं के गुबार देखे गए हैं। यह पोर्ट रूस की ऊर्जा आपूर्ति और निर्यात प्रणाली के लिए बेहद अहम माना जाता है।
रूस का दावा — “164 यूक्रेनी ड्रोन गिराए”
रूस के रक्षा मंत्रालय ने प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया कि उसकी एयर डिफेंस यूनिट ने हमले के दौरान 164 यूक्रेनी ड्रोन को हवा में ही मार गिराया। हालांकि स्वतंत्र सूत्रों से इसकी पुष्टि नहीं हुई है।