Tribal leader Birsa Munda : पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने, साहस और शौर्य के प्रतीक, वीर आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें नमन किया
भुवनेश्वर प्रसाद साहू
कसडोल समाचार
Tribal leader Birsa Munda : भगवान बिरसा मुंडा की आज 15 नवंबर 2022 को जयंती है ! आज ही के दिन वर्तमान झारखंड के खूंटी जिले के उलिहातु गांव में 15 नवंबर 1875 उनका जन्म हुआ था ! अंग्रेजों के शोषण के खिलाफ आंदोलन करने वाले बिरसा मुंडा , अपनी शहादत के बाद भगवान का दर्जा प्राप्त किए !
बिरसा मुंडा का आरंभिक जीवन
Tribal leader Birsa Munda : बिरसा मुंडा का जन्म मुंडा जनजाति के एक गरीब परिवार में हुआ था ! इनके पिता का नाम- सुगना पूर्ती ( मुंडा ) और माता- कर्मी पूर्ती ( मुंडा ) है !
बिरसा मुंडा 2 साल के लिए जेल गए
बिरसा मुंडा ने आदिवासी लोगों को मिशनरियों और मिशनरी गतिविधियों की उपेक्षा करने की सलाह दी और उनसे अपनी पुरानी पारंपरिक प्रथाओं पर लौटने का आग्रह किया ! उन्होंने लोगों से टैक्स ना देने की भी अपील की ! उसके बाद इस बयान के चलते , ब्रिटिश सरकार ने गिरफ्तार कर 2 साल जेल में रखा और बाद में रिहा किया !
भगवान बिरसा कैसे बने
आज झारखंड की जो स्थिति है , आदिवासी समाज की जो समस्याएं है ! उसे बिरसा ने सौ , सवा सौ साल पहले भांप लिया था ! यह बताता है कि बिरसा कितने दूरदर्शी थे ! इसीलिए उन्हें भगवान बिरसा कहा जाता है ! आजादी के बाद लोगों ने बिरसा मुंडा की शहादत को तो याद रखा , लेकिन उसके मूल्यों , आदर्शों एवं प्रेरणाओं से दूर होते गए !
मुंडा विद्रोह
मुंडा विद्रोह उपमहाद्वीप में 19वीं सदी के प्रमुख आदिवासी विद्रोह में से एक है ! बिरसा मुंडा ने 1899 – 1900 में रांची के दक्षिण में इस आंदोलन का नेतृत्व किया था !
आज बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि वे साहस और शौर्य के प्रतीक थे ! एक वीर आदिवासी नेता और जननायक थे , इसीलिए लोगों ने उन्हें भगवान की उपाधि दी थी ! उन्हें शत-शत नमन है