Mental health तनाव को दूर रखकर किया जा सकता है मानसिक स्वास्थ्य पर नियंत्रण

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Mental health मानसिक स्वास्थ्य का भी बेहतर होना आवश्यक

Mental health राजनांदगांव। स्वस्थ जीवनशैली के लिए शारीरिक के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य का भी बेहतर होना आवश्यक है।मानसिक स्वास्थ्य ज्यादातर कौन से कारणों से बिगड़ता है तथा इस पर नियंत्रण कैसे किया जा सकता है, इस बारे में कभी मानसिक अस्वस्थता के शिकार रहे, लेकिन अब स्वस्थ हो चुके लोगों के परिजन ने मानसिक अस्वस्थता से जुड़े अनुभव साझा किए हैं।

Mental health इसका सार यह है कि, समय पर जांच और उपचार शुरू कराने पर किसी भी मानसिक बीमारी पर नियंत्रण किया जा सकता है।

Mental health लोगों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाने के उद्देश्य से 10 अक्टूबर को श्मेक मेंटल हेल्थ एंड वेल बींग फॉर ऑल अ ग्लोबल प्रॉयोरिटी (मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को सभी के लिए एक वैश्विक प्राथमिकता बनाएं) थीम पर विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाएगा।

Mental health इस दौरान मानसिक स्वास्थ्य पर आधारित विभिन्न जन-जागरूकता कार्यक्रम किए जाएंगे। इस संबंध में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय राजनांदगांव के सह प्राध्यापक एवं मनोरोग विभाग प्रमुख डॉ. एएस सराफ ने बतायाः लोगों में एंग्जाइटी व डिप्रेशन बढ़े हैं। गुजरे दो साल में कोरोना संक्रमण के साइड इफेक्ट के रूप में भी मानसिक बीमारी का आकड़ा बढ़ा है।

Mental health यही नहीं, नशा, मोबाइल फोन, कंप्यूटर या टेलीविजन के लगातार उपयोग, आर्थिक तंगी व घरेलू कलह के कारण भी लोग मानसिक रोग की जद में आ रहे हैं। ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर लोगों में जागरूकता जरूरी है। झाड़-फूंक में समय गंवाने की बजाय मानसिक अस्वस्थता की शुरुआत में ही जांच कराई जाए या उपचार शुरू कर दिए जाएं तो किसी भी मानसिक बीमारी पर नियंत्रण किया जा सकता है। तनाव को भूलकर भी मानसिक बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।

मानसिक स्वास्थ्य में असंतुलन के प्रमुख कारण

मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी घटनाओं के अध्ययन में अधिकांशतः यह पाया गया है कि मादक पदार्थों का सेवन, जुए की लत, गरीबी, बेरोजगारी, पारिवारिक समस्या, कार्यक्षेत्र में असफलता, प्रेम प्रसंग में असफलता, अवसाद, अपने प्रियजनों की आकस्मिक मृत्यु या उनसे दूरी, सामाजिक निरादर एवं उपेक्षा तथा घातक रोग एवं यौन शोषण जैसे विषय ही मानसिक विकार उत्पन्न करने के प्रमुख कारण होते हैं। जबकि तनाव प्रबंधन के माध्यम से मानसिक असंतुलन पर नियंत्रण किया जा सकता है।

केस-1

राजेश कुमार साहू (परिवर्तित नाम) की उम्र वर्तमान में लगभग 42 वर्ष है। वह दसवीं कक्षा तक शिक्षित हैं और किसान हैं। राजेश के पिता ने बतायाः लगभग 10 वर्ष पहले राजेश का मानसिक संतुलन बिगड़ गया था। इस बीच वह काफी गुमसुम रहता था। किसी से बातें भी करता तो झुंझलाहट के साथ। कई बार घरवालों पर हाथ भी उठाने की कोशिश करता था। इस पर हमने डॉक्टर से संपर्क किया तो उसकी जांच और उपचार कराने की सलाह दी गई।

वहीं यह भी पता लगा कि घर-परिवार की आर्थिक तंगी ने उसे मानसिक रूप से बीमार कर दिया था। गरीबी की वजह से वजह से वह काफी परेशान रहता था और इसी वजह से वह बीमार हो गया। हालांकि, लगभग 5 महीने तक उपचार कराने के बाद अब वह स्वस्थ है और घर तथा खेती से जुड़ा कामकाज भी जिम्मेदारी से संभाल रहा है।

केस-2

रेखा बाई (परिवर्तित नाम) की उम्र वर्तमान में लगभग 30 वर्ष है। वह गृहिणी है। रेखा के पति केजू राम ने बतायाः विवाह के लगभग चार साल बाद रेखा अचानक असहज रहने लगी। घर वालों से दूरी बना बैठी। बात-बात पर चिड़चिड़ाने और झगड़ने लगी थी। इस बीच अज्ञानतावश शुरू में झाड़-फूंक से उसका इलाज कराने का प्रयास किया गया, लेकिन फायदा नहीं हुआ।

एक बार वह जान देने की भी कोशिश कर चुकी है। इसके बाद डॉक्टर से संपर्क किया गया। जांच में मानसिक स्थिति में असंतुलन पाए जाने पर उसका इलाज शुरू कराया गया। पता लगा कि घर-परिवार में पारिवारिक कलह की वजह से उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया था, लेकिन अब सब अच्छा है। रेखा स्वस्थ है और बच्चों के साथ ही घर के सदस्यों की जिम्मेदारी से देखभाल कर रही है।

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