बिलासपुर | ब्लैकमेलिंग और सूदखोरी के मामलों में फरार बताए जा रहे रायपुर के तोमर बंधुओं को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की सिंगल बेंच ने प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रशासन भी कानून से ऊपर नहीं है और किसी भी कार्रवाई के लिए स्पष्ट व वैध कानूनी प्रक्रिया जरूरी है। मकान तोड़ने जैसा कदम सक्षम न्यायिक आदेश के बिना मनमानी माना जाएगा।

तोमर बंधुओं पर लंबे समय से सूदखोरी के अवैध कारोबार में लिप्त होने के आरोप हैं। प्रशासन ने उनकी चल-अचल संपत्तियों को जब्त करने और घर को ध्वस्त करने की योजना बनाई थी। 27 जुलाई को उनके ऑफिस पर बुलडोजर चलाया गया, और 31 जुलाई को मकान तोड़ने का नोटिस भी जारी किया गया था। इसके खिलाफ 29 जुलाई को हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, जिस पर आज अर्जेंट सुनवाई हुई और स्टे आदेश मिला।
याचिकाकर्ता की ओर से पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा और सजल गुप्ता ने पैरवी की, जबकि राज्य सरकार, निगम प्रशासन और तेलीबांधा पुलिस की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आरके गुप्ता ने पक्ष रखा। कोर्ट ने तेलीबांधा पुलिस को जब्त सामान की फोटोकॉपी याचिकाकर्ता और निगम को देने का आदेश दिया।
याचिकाकर्ताओं ने ऑफिस में हुई तोड़फोड़ को भी गैरकानूनी बताते हुए मुआवजे की मांग की है और इसके लिए हाईकोर्ट में अपील दायर करने की तैयारी की है।

