रायपुर: राम अवतार जग्गी हत्याकांड में शामिल अभियुक्तों में से राजू भदोरिया, धर्मेंद्र उर्फ लल्लन और एक अन्य व्यक्ति ने आज रायपुर न्यायालय के सामने सरेंडर किया। उनके परिवार और वकीलों के साथ इस समारोह में उपस्थित हुए। इससे पहले, याह्या ढेबर, चिमन सिंह, सूर्यकांत तिवारी जैसे तीन पूर्व पुलिस अधिकारियों ने भी सरेंडर किया था। इस मामले में कुल 27 अभियुक्तों में से 10 ने पहले ही सरेंडर कर लिया है।
कुछ सरेंडर करने वाले अभियुक्त अब जेल से बाहर निकलने की तैयारी कर रहे हैं। वे स्वास्थ्य संबंधी कारणों से अस्पताल में भर्ती होने के बाद अब सजा के लिए सरेंडर कर रहे हैं।
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राम अवतार जग्गी हत्याकांड 2003 में मध्यप्रदेश के भिंड जिले में हुआ था, जब अजीत जोगी के शासनकाल में यह घटना घटी थी। यह घटना अमित जोगी के कट्टर समर्थकों के बीच समर्थन में आया था। जिसमें सभी आरोपियों को 7-8 साल के बाद हाई कोर्ट से ज़मानत मिली थी।
पिछले हफ्ते, हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए सभी आरोपियों की जमानत रद्द कर दी और उन्हें सरेंडर के लिए आदेश दिया। जिसमें महापौर के सगे भाई याह्या ढेबर सहित 22 आरोपियों को अपनी सजा पूरी करने के लिए वापस जेल जाना था।
यह अपील इस मामले में नई उलझनें पैदा कर सकती है। कोर्ट के फैसले के बाद, अब सरेंडर करने वाले अभियुक्तों के साथ कोर्ट की यात्रा और उनकी विचारधारा पर भी ध्यान दिया जा रहा है।