This is the truth of pakistan : पाकिस्तान का यही सच, पाक सेना की निगाह में प्रधानमंत्री की ज्यादा साख नहीं

This is the truth of pakistan :

This is the truth of pakistan : पाकिस्तान का यही सच

This is the truth of pakistan :
This is the truth of pakistan : पाकिस्तान का यही सच, पाक सेना की निगाह में प्रधानमंत्री की ज्यादा साख नहीं

This is the truth of pakistan : जनरल बाजवा ने यह संदेश दिया है कि राजनीतिक अनिश्चय के बीच आर्थिक नीतियों में स्थिरता की गारंटी सेना करेगी। इससे यह संदेश भी गया है कि पाकिस्तान की सेना की निगाह में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ज्यादा साख नहीं है।

This is the truth of pakistan : पाकिस्तान में नागरिक सरकार एक दिखावा है, यह आम धारणा रही है। इस बात के पक्ष में इतने साक्ष्य मौजूद रहते हैं कि ऐसा कहने में कभी किसी को हिचक नहीं होती। बहरहाल, नए घटनाक्रमों के बीच अगर किसी के मन इस पर संदेह पैदा हुआ हो, तो उसे अब खुद पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल कमर बाजवा ने तोड़ दिया है।

This is the truth of pakistan : पाकिस्तान पर कर्ज के बढ़ते बोझ और डिफॉल्टर (कर्ज चुकाने में अक्षम) होने का बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इसके बीच पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जरल कमर जावेद बाजवा ने कमान अपने हाथ में ली है। उन्होंने सीधे अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शरमान से संपर्क किया।

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This is the truth of pakistan : उनसे आईएमएफ से कर्ज दिलाने में मदद मांगी। गौरतलब है कि देश में बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता के कारण अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष पाकिस्तान को कर्ज की नई किस्तें देने में हिचकता रहा है। तो इसके बीच जनरल बाजवा ने यह संदेश भेजने की कोशिश की है कि राजनीतिक अनिश्चय के बीच आर्थिक नीतियों में स्थिरता की गारंटी पाकिस्तान की सेना करेगी।

This is the truth of pakistan : जनरल बाजवा की इस पहल से यह संदेश भी गया है कि पाकिस्तान की सेना की निगाह में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ज्यादा साख या राजनीतिक वजन नहीं है। जाहिर है, इस संदेश से शरीफ सरकार की रुतबा और घटेगा। वैसे भी शरीफ सरकार देश पर मंडरा रहे संकट का कोई हल निकालने में अक्षम दिखी है। खुद शरीफ सरकार ने बताया है कि पाकिस्तान पर विदेशी कर्ज बढ़ कर 126 बिलियन डॉलर हो गया है। इसी महीने के मध्य में आईएमफ पाकिस्तान को छह बिलियन डॉलर का कर्ज देने पर सहमत हुआ।

This is the truth of pakistan : इस बीच पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की घटनाओं से नई राजनीतिक अस्थिरता के संकेत मिले। तब खबर भी आई कि इन घटनाओं से आईएमएफ चिंतित है। संभव है कि इस कारण वह मंजूर हुए कर्ज का भुगतान रोक दे। तो जनरल बाजवा ने कमान अपने हाथ में ली है। आईएमएफ में अमेरिका सबसे बड़ा शेयरधारक है। इसीलिए उन्होंने उसके सामने गुहार लगाई है। और ये बताया है कि सरकार किसी की हो, सत्ता असल में उनके हाथ में है।

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