Farmers of india : आर्थिक नीतियों की बदौलत अब भारत के किसान हो रहे सम्पन्न

Farmers of india :

अजय दीक्षित

Farmers of india : आर्थिक नीतियों की बदौलत अब भारत के किसान हो रहे सम्पन्न

Farmers of india : भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का एक अलग स्थान है क्योंकि देश की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी अभी भी गांवों में निवास करती है एवं अपनी आजीविका के लिए मुख्यत: कृषि क्षेत्र पर ही निर्भर है। कोरोना महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र विपरीत रूप से प्रभावित हुए थे एवं इन सभी आर्थिक क्षेत्रों में ऋणात्मक वृद्धि दर्ज की गई थी।

Farmers of india : परंतु केवल कृषि क्षेत्र हो इस खंडकाल में भी अच्छी वृद्धि दर हासिल करता रहा और यह अभी भी जारी है। यह कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं है कि भारत सरकार द्वारा लागू की गई आर्थिक नीतियों की बदौलत अब भारत के किसान सम्पन्न हो रहे हैं एवं भारत के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान 14.2 प्रतिशत से बढक़र 18.8 प्रतिशत हो गया है।

Farmers of india : अभी हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा जारी किए गए एक प्रतिवेदन में यह बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 से वित्तीय वर्ष 2021-22 के बीच भारतीय किसानों की आय औसतन 1.3 से 1.7 गुना बढ़ गई है। इसी प्रतिवेदन के अनुसार, भारत में कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भी वर्ष 2014 के बाद से 1.5 से 2.3 गुना तक की वृद्धि दर्ज हुई है। इससे किसान अधिक समर्थन मूल्य वाली फसलों का उत्पादन बढ़ा रहे हैं एवं अपनी आय में तेज गति से वृद्धि करने में सफल हो रहे हैं।

Farmers of india : इसी प्रकार, भारत से अनाज का निर्यात भी वित्तीय वर्ष 2021-22 में बढक़र 5000 करोड़ अमेरिकी डॉलर से भी अधिक हो गया है। भारतीय स्टेट बैंक के साथ ही एक अन्य भारतीय संस्थान इंडियन काउंसिल ऑफ ऐग्रिकल्चरल रिसर्च (आईसीएआर) द्वारा 17 जुलाई 2022 को जारी किए गए एक प्रतिवेदन में भी यह बताया गया है कि भारत में कृषि के क्षेत्र में तकनीकी विकास एवं केंद्र सरकार द्वारा लागू की जा रही नीतियों के चलते भारत के किसानों की आर्य वर्ष 2016-17 की तुलना में वर्ष 2020-21 में 150 से 200 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं। किसानों की आय में हुई इस आकर्षक वृद्धि दर में बागवानी एवं पशुपालन जैसे क्षेत्रों ने विशेष भूमिका निभाई है।

Farmers of india : भारत में लगभग 14 करोड़ भूमिधारी किसान हैं इनमें से 85 प्रतिशत से अधिक किसान छोटे किसान की श्रेणी के हैं जिनके पास 2 हेक्टेयर (5 एकड़) से कम भूमि उपलब्ध है। यह हर्षित करने वाला तथ्य उभरकर सामने आया है कि बहुत छोटी जोत वाले किसानों की वास्तविक आय में 2013 और 2019 के बीच वार्षिक 10 प्रतिशत की वृद्धि प्रतिवर्ष दर्ज हुई है वहीं अधिक बड़ी जोत वाले किसानों की वास्तविक आय में केवल 2 प्रतिशत की वृद्धि प्रति वर्ष दर्ज हुई है । वर्ष 2014 में केन्द्र में नरेंद्र मोदी की सरकार के आने के बाद से लगातार प्रयास किए जा रहें कि भारतीय किसानों की आय को दुगुना किया जाये। इस संदर्भ में केंद्र सरकार के प्रयास अब फलीभूत होते दिख रहे हैं ।

Farmers of india :जैसे महाराष्ट्र में सोयाबीन एवं कर्नाटक में कपास की खेती करने वाले किसानों की आय उक्त अवधि में दुगुनी से अधिक हो गई है एवं अन्य उपजों की पैदावार लेने वाले किसानों की आय 1.3 से 1.7 गुना बढ़ गई है। सहायक एवं गैर कृषि आधारित कार्य में संलग्न किसानों की आय भी 1.4 से 1.8 गुना बढ़ गई है। नकदी फसल (कपास, सोयाबीन, सरसों, मूंगफली, फल, सब्जी, आदि) लेने वाले किसानों की आय गैर-नकदी फसलें लेने वाले किसानों की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ी है । प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भी इस सन्दर्भ में विशेष भूमिका निभाती नजर आ रही है । इस योजना के अन्तर्गत प्रति वर्ष तीन बार लगभग 10 करोड़ किसानों के खातों में रुपये 2000 (पूरे वर्ष में रुपए 6000) जमा किये जाते हैं । यह योजना वर्ष 2019 में चालू की गई थी और प्रत्येक वर्ष लगभग 63,000 करोड़ रुपये सीधे ही 10 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में जमा किये जा रहे हैं ।

Farmers of india : आज भारतीय किसान न केवल अपने उसे देश के नागरिकों को अन्न उपलब्ध करा रहा है में बल्कि अब तो दुनिया के अन्य देशों की भी सहायता में आगे आ रहा है। जहां पूरी दुनिया में खाद्यान्न का संकट गहराता जा रहा है । खाद्यान्न उत्पादन के साथ ही खाद्यान्न सामग्री के निर्यात में भी भारत नित नये रिकॉर्ड बना रहा है । वर्ष 2021-22 के लिए कृषि उत्पाद का निर्यात 5000 करोड़ अमेरिकी डॉलर पार कर गया है ।

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Farmers of india : जो अब तक का सबसे अधिक कषि उत्पाद निर्यात है । रूस-यूक्रेन युद्ध संकट के बीच दुनिया के कई देश खाद्यान्नों के लिए भारत की ओर देख रहे हैं । वहीं 2020-21 में 4187 करोड़ अमेरिकी डॉलर के कृषि उत्पादों का निर्यात किया गया था । गेहूं के निर्यात में अप्रत्याशित 273ल की वृद्धि दर्ज हुई है । जहां 2020-21 में गेहूं निर्यात 56.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर का था वहीं यह 2021-22 में चार गुना बढक़र 211.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर का हो गया है ।

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