रायपुर/बिलासपुर। पति-पत्नी के बीच सालों से चला आ रहा विवाद छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में आपसी सहमति से सुलझ गया। मामला 4 साल की बेटी की कस्टडी से जुड़ा था, जिसे लेकर रायपुर निवासी और जबलपुर डूमना एयरपोर्ट में पदस्थ सीआईएसएफ जवान रवि कुमार राय ने फैमिली कोर्ट धमतरी के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद ने आपसी सुलह की पहल करते हुए दोनों पक्षों को प्रशिक्षित मध्यस्थ एडवोकेट बीनू शर्मा के पास भेजा। कई दौर की बातचीत के बाद दोनों सहमत हुए और विवाद को सुलझा लिया गया।
समझौते के तहत बेटी की कस्टडी पिता को दी गई है। मां को महीने में एक बार मुलाकात का अधिकार होगा। मुलाकात का समय और स्थान दोनों फोन पर आपसी सहमति से तय करेंगे। मां वीडियो कॉल पर भी बात कर सकेगी। छुट्टियों में मां को बेटी को अपने साथ ले जाने का अधिकार होगा, लेकिन पिता को पहले से सूचना देना होगा।
बेटी को दिए गए उपहारों के इस्तेमाल का पूरा अधिकार रहेगा। बेटी के जन्मदिन और स्कूल की पेरेंट्स-टीचर मीटिंग में मां की उपस्थिति अनिवार्य होगी। स्कूल रिकॉर्ड में मां का नाम सह अभिभावक के रूप में दर्ज किया जाएगा।
इसके साथ ही मां ने घरेलू हिंसा अधिनियम और अन्य लंबित प्रकरणों को वापस लेने पर सहमति दी है। दोनों पक्षों ने यह भी तय किया कि भविष्य में एक-दूसरे के खिलाफ कोई नया केस दर्ज नहीं करेंगे।
हाई कोर्ट की मध्यस्थता प्रक्रिया से सुलझा यह मामला पारिवारिक विवादों के समाधान में एक सकारात्मक उदाहरण के रूप में सामने आया है।