प्रभु वर्ग से मिलने का सुनहरा अवसर है राजभवन का स्वागत समारोह…

सुभाष मिश्रा, रायपुर/ यदि आप देश के प्रभु वर्ग से गरिमामय तरीक़े मिलना चाहते हैं तो आपको राष्ट्रपति भवन में होने वाले समारोह का हिस्सा बनना होगा इसी तरह यदि आप किसी राज्य के प्रभु वर्ग जिनमें प्रमुख जनप्रतिनिधि , ब्यूरोक्रेट , उधोगपति , समाजसेवी , शिक्षाविद , साहित्यकार , पत्रकार और वे लोग जो सत्ता के गलियारों में ख़ास मुक़ाम रखते हैं ,उनसे एक जगह एक ही दिन में मिलना चाहते हैं तो आपको राजभवन में होने वाले स्वागत समारोह का हिस्सा बनना होगा । राष्ट्रपति भवन ,राजभवन के आमंत्रितों की सूची में शमिल होना बहुत लोगों के लिए सम्मान और संपर्क का अच्छा माध्यम है । ये कुछ ऐसा ही जैसे दिल्ली के जिम खाना क्लब ,भोपाल के अरेरा क्लब या रायपुर के छत्तीसगढ़ क्लब की मेम्बरशीप लेना ।

समाज सेवा के नाम पर बने बहुत से क्लब भी कालांतर से आपसी व्यापारिक संबंध रखने , एक ख़ास वर्ग से मिलने , मिलाने और PR की बेहतर जगह ही होते है । सारे प्रभुओं के दर्शन , सत्ता के बहुत से बंद दरवाज़ों की चाबी मिलने की एकमात्र टेस्टेट जगह है ये राजभवन और ये क्लब । मैं अधिकारी और बाद में पत्रकार होने के नाते लंबे समय राजभवन की आमंत्रितों की सूची का हिस्सा रहा हूँ । लंबे अंतराल के अनुभव के आधार पर मुझे यहाँ आने वाले 80% चेहर सालो साल से जाने पहचाने लगते है । सरकारें बदलती हैं , महामहिम बदलते हैं पर चेहरे अबूमन वही रहते है ।

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केवल 20% चेहरे ही नये सरीखे होते हैं । जो बदली हुई सत्ता और संपर्कों की वजह से एंट्री पाते हैं । छत्तीसगढ़ के नये राज्यपाल महामहिम रमेन डेका जो मूलतः असम से आते हैं , वहाँ से दो बार के सांसद रहे है के शपथ ग्रहण समारोह और 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित स्वागत समारोह में राजभवन जाने का उनसे मिलने का अवसर मिला । वे 70 साल की आयु में भी बहुत फ़िट हैं । प्रथम लेडी श्रीमती रानी डेका काकोटी से भी राजभवन में सौजन्य मुलाक़ात का अवसर मिला ।

वे बहुत ही विनम्र और सहज हैं । राजभवन के समारोह में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय , पूर्व मुख्यमंत्री एंव विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह , सांसद ब्रजमोहन अग्रवाल , संतोष पांडे , छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप , भाजपा के संगठन मंत्री पवन साय , विधायक पुरंदर मिश्रा , अनुज शर्मा सहित बहुत से जन प्रतिनिधियों , वर्तमान मुख्य सचिव अमिताभ जैन , पूर्व मुख्य सचिव एस के मिश्रा विवेक ढांड , अजय सिंह , वरिष्ठ IAS बी के एस रे श्रीमती इंदिरा मिश्रा , एम के राऊत , डॉ सुशील द्विवेदी , पी के दलाई , DGP अशोक जुनेजा , पूर्व DGP राजीव श्रीवास्तव , संजय पिल्ले , ACS रेणु जी पिल्ले , सुब्रत साहू , मनोज पिंगवा , अशोक अग्रवाल नये पुराने ब्यूरोकेट , पुलिस अफ़सर ,अलग-अलग क्षैत्र के नामचीन हस्ताक्षरों, पद्मश्री से सम्मानित पाँच से अधिक लोगों से मुलाक़ात हुई । हम चाहकर भी एक दिन , एक जगह , एक समय में इतने लोगों से नहीं मिल सकते । बहुत से लोग यहाँ आपसी मेल मुलाक़ात के लिए भी आते हैं । कुछ लाईजनर भी होते हैं ।वर्चुअल समय में जब आमने सामने मिलने का चलन कम होता जा रहा है ऐसे में रूबरू होकर मिलना , गर्मजोशी से हाथ मिलना बातें करना अच्छा लगता है ।

वरना तो लोग कहते हैं –
ये नये मिज़ाज का शहर है , ज़रा फ़ासलों से मिला करो
कोई हाथ भी ना मिलायेगा , जो गले मिलोगे तपाक से ।
इस स्वागत समारोह में मीडिया में मेरे साथ कार्यरत मेरा बेटा सौरभ भी साथ था । मुझे अधिकांश लोगों से मिलते बतियाते हुए देखकर वह उत्सुकता वश पूछ बैठता है , पापा आप सबको और सब आपको जानते हैं तो मैं अनायास सोचने लगता हूँ –
नक़्शा उठाकर कोई और शहर ढूँढिए
इस शहर में तो सबसे मुलाक़ात हो गई ।
फिर निंदा फ़ाज़ली का शेर के साथ घर याद आ जाता है –

नयी-नयी आंखें हों तो हर मंज़र अच्छा लगता है
कुछ दिन शहर में घूमे लेकिन अब घर अच्छा लगता है

हमने भी सोकर देखा है नये-पुराने शहरों में
जैसा भी है अपने घर का बिस्तर अच्छा लगता है।
हम फ़िदा ए रायपुर
रायपुर फ़िदा ए हम

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