18, The Sound Of The Third Umbrella छत्तीसगढ़ में तीसरे क्षेत्रीय छत्रप की छनछनाहट…पढ़िये खास खबर

The Sound Of The Third Umbrella
  1. The Sound Of The Third Umbrella छत्तीसगढ़ में तीसरे क्षेत्रीय छत्रप की छनछनाहट

  2. The Sound Of The Third Umbrella छत्तीसगढ़ के कद्दावर मंत्री टीएस सिंहदेव के पंचायत मंत्री पद से इस्तीफे के बाद

The Sound Of The Third Umbrella आज की जनधारा पॉलिटिकल डेस्क।

छत्तीसगढ़ के कद्दावर मंत्री टीएस सिंहदेव के पंचायत मंत्री पद से इस्तीफे के बाद कांग्रेस की कश्ती हिचकोले खाने लगी है।

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अलबत्ता उनके ना-खुदा यानि खेवनहार बार- बार सबकुछ ठीक रहने की दिलासा दे रहे हैं। वहीं सूबेदार तक ने ये कह दिया कि उनको तो पंचायत मंत्री के इस्तीफे वाला खत मिला ही नहीं।

The Sound Of The Third Umbrella, उधर बारिश की बूंदों की टपटप की आवाजों के बीच सियासी गलियारों के जानकारों को छत्तीसगढ़ में तीसरे क्षेत्रीय छत्रप की छनछनाहट सुनाई देने लगी। तो वहीं कुछ लोगों का मानना है कि ये मामला जल्दी ही ये दिल्ली दरबार तक जाएगा।

राष्ट्रपति चुनाव होने के बाद ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्यमंत्री टीएस सिंहदेव की पेशी दिल्ली दरबार में होगी। अब लोगों के दिमाग में महज एक ही सवाल कौंध रहा है कि क्या छत्तीसगढ़ में कोई क्षेत्रीय छत्रप फिर बनने जा रहा है ?

विधायकों की बैठक में भी नहीं शामिल हुए सिंहदेव

हम आपको सबसे पहले तो ये बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव इस वक्त सरगुजा में हैं। जहां बड़ी तादाद में लोग उनसे मुलाकात कर रहे हैं। उधर राजीव भवन भी विधायकों का मजमा लगा हुआ है। इस मजमें से अगर कोई नदारद है तो वो हैं कांग्रेस के कद्दावर मंत्री टीएस सिंहदेव।

पहले वे ऐसी बैठकों में अक्सर ऑन लाइन जुड़ जाया करते थे। आज वे ऑनलाइन भी नहीं जुड़े। इससे विरोधियों को और भी बल मिल रहा है।

तो वहीं कांग्रेस की नाव के खेवनहारों ने बाकायदा एक स्वर से यही कहा कि उनका पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को अभी तक नहीं मिला। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी जैनमुनि से मुलाकात के बाद यही बात दुहराई।

अब सवाल तो ये भी उठता है कि अगर पत्र सीएम ऑफिस गया ही नहीं। तो फिर सोशल मीडिया तक कैसे पहुंचा ?
अब जो पत्र सोशल मीडिया के माध्यम से ही सही,

देश-दुनिया के आम आदमी तक पहुंच गया। अब वो अगर यहीं राजधानी में स्थित सीएम आवास तक नहीं पहुंचा ? ऐसा तो हो ही नहीं सकता।

डैमेज कंट्रोल में जुटी पूरी कांग्रेस पार्टी

कहा जाता है कि सियासत के गर्भ में हमेशा संभावनाएं रहती है। ऐसे में अब लोग टीएस सिंहदेव के इस्तीफे के बाद से ही भीतर ही भीतर विकल्प तलाश रहे होंगे।

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सिंहदेव के इस्तीफे के बाद जो सियासी सनसनाहट शुरू हुई उसको लेकर कांग्रेस के रणनीतिकारों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। हर तरफ से एक ही बयान आ रहा है कि वह पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचा ही नहीं ।

सवाल है कि अगर सोशल मीडिया में आ गया तो फिर कैसे सीएम ऑफिस तक नहीं पहुंचा ?

मानसून सत्र के पहले ही आया तूफान

The Sound Of The Third Umbrella, वैसे तो विधानसभा का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हो रहा है। उसी को लेकर राजीव भवन में आज विधायकों की बैठक बुलाई गई थी। उधर मानसून सत्र से पहले ही पंचायत मंत्री के इस्तीफे के वॉयरल लेटर ने विपक्ष के हाथ में एक और मुद्दा थमा दिया है।

कुल मिलाकर ये विपक्ष के लिए एक प्लस प्वाइंट हो गया है। विपक्ष को घर बैठे एक साथ कई मुद्दे मिल गए। अब उनको सत्ता पक्ष को घेरने में और भी आसानी होगी।

क्या हो सकता है दिल्ली दरबार में

कांग्रेस पार्टी के जानकारों का मानना है कि दिल्ली दरबार में भी सीएम भूपेश बघेल बनाम सिंहदेव मामले की सुनवाई होगी। यह सुनवाई राष्ट्रपति चुनाव के बाद होगी।

जहां इन दोनों को अकेले-अकेले बुलाया जाएगा। सियासी गलियारों के जानकारों का मानना है कि सिंहदेव के इस्तीफे की खबर पहले ही दिल्ली जा चुकी है।

उधर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी का ज्यादा झुकाव भी मुख्यमंत्री की ओर ही है। ऐसे में सिंहदेव के साथ क्या होगा इस सवाल का जवाब तो अभी तय होना बाकी है।

दूसरे दल को लेकर क्या हैं संभावनाएं

छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी अभी अपने शैशव काल में ही है। टीएस सिंहदेव जैसे कद्दावर नेता ऐसी पार्टी में भला क्यों जाएंगे? भाजपा में जाने से पहले ही इंकार कर चुके हैं।

ऐसे में कुल मिलाकर एक ही संभावना बनेगी कि सरगुजा नरेश किसी को आगे कर एक क्षेत्रीय छत्रप को बना सकते हैं। उसी को लेकर छत्तीसगढ़ की सियासत को नया मोड़ दिया जा सकता है।

इस्तीफे से धुल जाएंगे सिंहदेव के दोष

The Sound Of The Third Umbrella, पंचायत मंत्रालय से इस्तीफा देकर सिंहदेव ने अपने सारे दोष धो लिए हैं। इसके साथ ही तमाम अक्षमताओं की गेद भी बड़ी कुशलता से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पाले में डाल दी है। अगली बार विपक्षी दल के लोग उनको सरकार की अक्षमताओं के लिए दोषी भी नहीं ठहरा पाएंगे।

इसका सीधा सा जवाब होगा कि मेरी नहीं चली तो मैंने इस्तीफा दे दिया। मानसून सत्र के पहले सत्ता पक्ष के लिए ये एक बेहद करारा झटका है। इसको अगर जल्दी से नहीं कंट्रोल किया गया तो फिर इसका असर आने वाले विधानसभा चुनावों में भी देखने को मिलेगा।

क्या ये किसी तीसरे क्षेत्रीय छत्रप की आहट

छत्तीसगढ़ में क्षेत्रीय छत्रप समय-समय पर सिर उठाते रहे हैं। ऐसे में टीएस सिंहदेव के बाद से फिर ये सवाल उठने लगा है। छत्तीसगढ़ की पहली क्षेत्रीय पार्टी स्वाभिमान मंच थी।

इसको सांसद ताराचंद साहू ने बनाया था। उसके बाद जेसीसीजे अस्तित्व में आई। इसको राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने बनाई। जो कभी कांग्रेस के कद्दाव नेता माने जाते थे।

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The Sound Of The Third Umbrella छत्तीसगढ़ में तीसरे क्षेत्रीय छत्रप की छनछनाहट

The Sound Of The Third Umbrella, ऐसे में अब बारिश की छनकती बूंदों के बीच ही छत्तीसगढ़ में किसी तीसरे छत्रप की छनछनाहट सुनाई देना, लोगों को चकित कर रहा है।

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