नई दिल्ली। चांदी के बाजार में सोमवार को असाधारण उतार-चढ़ाव देखने को मिला। दिन की शुरुआत में MCX पर चांदी के मार्च वायदा भाव ने 2,54,174 रुपये प्रति किलो का रिकॉर्ड तोड़ा, लेकिन कुछ ही समय में यह भाव 2,32,663 रुपये प्रति किलो तक गिर गया। यानी चांदी एक ही झटके में करीब 21,500 रुपये प्रति किलो सस्ती हो गई।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह गिरावट अचानक नहीं हुई, बल्कि तेज उछाल के बाद निवेशकों की प्रॉफिट बुकिंग का परिणाम है। कई ट्रेडरों ने लाभ सुरक्षित करने के लिए चांदी बेचना शुरू कर दिया, जिससे बाजार में गिरावट और तेजी से बढ़ी।
चांदी में सोमवार की तेजी के पीछे अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति का भी असर रहा। वैश्विक सिल्वर की कीमतें $80 प्रति औंस तक पहुंची थीं, लेकिन बाद में $75 तक गिर गईं। इसके अलावा यूक्रेन-रूस तनाव में शांति की खबरों से सुरक्षित निवेश की मांग में कमी आई, जिसका असर घरेलू बाजार पर पड़ा।
विशेषज्ञों का कहना है कि चांदी ने पिछले एक साल में जबरदस्त रिटर्न दिया है। दिसंबर 2024 में चांदी का भाव लगभग 90,000 रुपये प्रति किलो था, जो अब 2,54,000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुका है। औद्योगिक मांग, निवेशकों की सुरक्षित संपत्तियों में रुचि और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता चांदी की कीमतों में वृद्धि के प्रमुख कारण बने हैं।
इसके अलावा ग्रीन एनर्जी टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिक वाहन और सोलर पैनल्स में चांदी की बढ़ती मांग ने भी कीमतों को उछालने में मदद की है।