वनांचल में गूंजा खेलों का जुनून: नारायणपुर के कच्चापाल में ‘बस्तर ओलंपिक 2025’ का भव्य शुभारंभ, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा बोले— “अब हर गांव बनेगा खेलगांव”

छत्तीसगढ़ के सुदूर वनांचल नारायणपुर जिले के ग्राम कच्चापाल में आज परंपरा और प्रतिभा का अनूठा संगम देखने को मिला। नक्सल प्रभावित इलाकों में खेल और उत्सव का माहौल बना जब ‘बस्तर ओलंपिक 2025’ का आगाज हुआ। इस आयोजन का शुभारंभ उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने किया। बस्तर ओलंपिक का मकसद सिर्फ खेल प्रतियोगिता नहीं बल्कि आदिवासी अंचल की प्रतिभाओं को मुख्यधारा से जोड़ने, सामाजिक समरसता बढ़ाने और पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

ईरकभट्टी बनाम कच्चापाल की महिलाओं के बीच रस्साकशी — खेल मैदान में गूंजा उत्साह

उद्घाटन समारोह की सबसे रोमांचक झलक थी ईरकभट्टी और कच्चापाल की ग्रामीण महिलाओं के बीच आयोजित रस्साकसी प्रतियोगिता, जिसमें ईरकभट्टी की टीम ने जीत हासिल की।
प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों का उत्साह देखते ही बनता था। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने विजेता टीम को बधाई दी और सभी खिलाड़ियों को ‘बस्तर ओलंपिक 2025’ की विशेष टी-शर्ट वितरित की।


तीन चरणों में होगा आयोजन, 3.8 लाख से अधिक खिलाड़ी होंगे शामिल

इस वर्ष बस्तर ओलंपिक तीन चरणों — विकासखंड, जिला और संभाग स्तर पर आयोजित होगा।
पूरे बस्तर संभाग में करीब 3 लाख 80 हजार से अधिक खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें केवल नारायणपुर जिले से 47 हजार प्रतिभागी शामिल हैं।

ओलंपिक में एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, कराटे, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल, रस्साकसी, हॉकी, वेटलिफ्टिंग जैसे खेल शामिल किए गए हैं।
विशेष बात यह है कि इसमें जूनियर वर्ग (14-17 वर्ष), सीनियर वर्ग (17 वर्ष से अधिक) के साथ-साथ दिव्यांग खिलाड़ी और आत्मसमर्पित नक्सली भी संभाग स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेंगे।


“यह सिर्फ खेल नहीं, बस्तर की एकता का प्रतीक है” — उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने ग्राम कच्चापाल में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा —

“बस्तर ओलंपिक सिर्फ खेलों का आयोजन नहीं, बल्कि यह बस्तर की एकता, विश्वास और बंधुत्व का प्रतीक है। इन खेलों के माध्यम से हमारी पारंपरिक संस्कृति पुनर्जीवित हो रही है और युवा अपने हुनर को दुनिया के सामने लाने का अवसर पा रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में बस्तर के जंगलों से भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार हों, जो देश-विदेश में छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करें।


आत्मविश्वास और सामाजिक एकता की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल

इस आयोजन से न केवल ग्रामीण युवाओं में खेल के प्रति उत्साह बढ़ेगा, बल्कि नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और आत्मविश्वास का वातावरण भी मजबूत होगा।
कार्यक्रम के दौरान ईरकभट्टी, ओरछा, कच्चापाल और आसपास के गांवों से भारी संख्या में ग्रामीण पहुंचे। सभी ने पारंपरिक वेशभूषा में ढोल-नगाड़ों के साथ खेलों का स्वागत किया।


बस्तर ओलंपिक 30 नवंबर तक चलेगा

बस्तर ओलंपिक का आयोजन 25 अक्टूबर से 30 नवंबर 2025 तक चलेगा। इस दौरान बस्तर के छह जिलों — दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, कोंडागांव, नारायणपुर और बस्तर में चरणवार प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
विजेता खिलाड़ियों को राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं में सीधा प्रवेश मिलेगा।


बड़े अधिकारी और जनप्रतिनिधि रहे मौजूद

कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष नारायण मरकाम, उपाध्यक्ष प्रताप सिंह मंडावी, एडीजी विवेकानंद सिन्हा, कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी, कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं, एसपी रॉबिंसन गुड़िया, एसडीएम डॉ. सुमित गर्ग, जनपद उपाध्यक्ष मंगडूराम नूरेटी, सरपंच रजमा नूरेटी सहित जनप्रतिनिधि और हजारों ग्रामीण उपस्थित रहे।


बस्तर की धरती से उपजा नया आत्मविश्वास

‘बस्तर ओलंपिक 2025’ सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन बन चुका है—जहां हर खिलाड़ी, हर गांव और हर परिवार अपनी पहचान और संस्कृति के साथ आगे बढ़ रहा है।
कच्चापाल जैसे सुदूर वनांचलों में गूंजता यह ओलंपिक संदेश देता है कि अब बस्तर का युवा बंदूक नहीं, बैटन और बॉल से भविष्य गढ़ेगा।

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