रायपुर में लंबे समय से फरार चल रहे कुख्यात सूदखोर तोमर बंधुओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अदालत के आदेश पर प्रशासन ने भाठागांव स्थित दोनों भाइयों की कुल 3000 स्क्वायर फीट (1500-1500 स्क्वायर फीट प्रति व्यक्ति) की आलीशान संपत्ति को कुर्क कर लिया है।

यह कार्रवाई CJM कोर्ट के निर्देश और रायपुर पुलिस की ओर से दाखिल याचिका के बाद की गई। कुर्की के बाद अब इस घर में कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा, और न ही इसे बेचा या हस्तांतरित किया जा सकता है, जब तक कोर्ट से इजाजत न मिले।
🧑⚖️ SDM और प्रशासन ने की कार्रवाई
रायपुर SDM एन. के. चौबे की मौजूदगी में यह कुर्की कार्रवाई की गई। कोर्ट ने तोमर भाइयों को 18 अगस्त तक अदालत में पेश होने की अंतिम चेतावनी दी थी, लेकिन वे फरार बने रहे। इससे पहले नगर निगम ने रोहित तोमर के अवैध रूप से बने ऑफिस को बुलडोजर चलाकर गिरा दिया था।
🕵️♂️ मारपीट केस के बाद हुए फरार
करीब दो महीने पहले, प्रॉपर्टी डीलर दशमीत चावला ने रोहित तोमर पर मारपीट का आरोप लगाते हुए तेलीबांधा थाना में FIR दर्ज करवाई थी। FIR के बाद रोहित फरार हो गया और कुछ ही समय में उसका भाई वीरेंद्र तोमर भी गायब हो गया।

पुलिस ने दोनों की तलाश में कई राज्यों में टीमें भेजी, लेकिन अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
🚨 FIR दर्ज होते ही सामने आने लगे पीड़ित
तोमर भाइयों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बाद कई पीड़ित अब सामने आ रहे हैं। लंबे समय से उनके डर के कारण शिकायत नहीं करने वाले लोग अब थाने पहुंचकर FIR दर्ज करा रहे हैं।
अब तक दोनों के खिलाफ 6 से ज्यादा FIR दर्ज की जा चुकी हैं, जिनमें अवैध वसूली, धमकी, सूदखोरी और छत्तीसगढ़ ऋणियों का संरक्षण अधिनियम के तहत केस शामिल हैं।
🏠 छापेमारी में बरामद हुए संदिग्ध सामान
फरार होने के बाद पुलिस ने उनके आवास पर छापेमारी की, जहां से कई अहम दस्तावेज और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई।
📸 पहले भी चर्चाओं में रहे हैं तोमर बंधु
एक साल पहले रायपुर के हाइपर क्लब गोलीकांड के बाद पुलिस ने रोहित तोमर सहित अन्य आरोपियों का आधा सिर मुंडवाकर जुलूस निकाला था। इसमें रोहित तोमर, विकास अग्रवाल, सारंग मांधान और अमित तनेजा को गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान आरोपियों के फटे कपड़ों में पूरे शहर में घुमाया गया था।
📛 “गोल्डन मैन” के नाम से कुख्यात है रोहित तोमर
रोहित तोमर, रायपुर पुलिस रिकॉर्ड में एक निगरानीशुदा बदमाश है। उसके खिलाफ राजेंद्र नगर, तेलीबांधा, गुढियारी, कोतवाली और पुरानी बस्ती थानों में कुल 9 से अधिक मामले दर्ज हैं।
वह सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग, मारपीट और आर्म्स एक्ट जैसे मामलों में जेल भी जा चुका है। रसूख बनाए रखने के लिए वह अक्सर अपने गुर्गों के साथ सामाजिक आयोजनों में दिखता रहता था और खुद को “गोल्डन मैन” कहता था।
🔍 निष्कर्ष
तोमर भाइयों के खिलाफ यह सख्त प्रशासनिक कार्रवाई न केवल सूदखोरी और संगठित अपराध के खिलाफ बड़ा संदेश है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कानून से बड़ा कोई नहीं। अब देखना होगा कि पुलिस कब तक इन फरार आरोपियों को गिरफ़्तार कर पाती है।