The head of the Muslim World League said, मुस्लिम वर्ल्ड लीग के प्रमुख बोले, दुनिया को शांति का संदेश दे सकता है भारत

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नई दिल्ली। मुस्लिम वर्ल्ड लीग (एमडब्ल्यूएल) के प्रमुख अल-इस्सा ने आज राजधानी दिल्ली में कहा कि भारत अपनी विविधता के साथ ही सह-अस्तित्व के लिए एक महान मॉडल देश है और दुनिया को शांति का संदेश दे सकता है। सऊदी अरब के पूर्व न्याय मंत्री रह चुके अल-इस्सा पांच दिन के भारत दौरे पर हैं और उन्हें उदारवादी इस्लाम के लिए एक अग्रणी वैश्विक आवाज माना जाता है।

राजधानी दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अल इस्सा ने कहा कि बीते कई दिनों से भारतीय समाज के विभिन्न घटकों के बारे में बात कर रहे हैं। उन्होंने भारत में मुस्लिम समाज को लेकर कहा कि उन्हें अपने संविधान पर गर्व हैं और अपने राष्ट्र पर गर्व है। साथ ही भारत के मुस्लिमों को देश के उस भाइचारे पर भी गर्व है, जो भारतीय समाज के बाकी घटकों के साथ साझा करते हैं। गौरतलब है कि अल-इस्सा फिलहाल सऊदी अरब स्थित संगठन मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव हैं और दुनिया भर में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे आज इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में भाषण दे रहे थे।

भारत ने दुनिया को बहुत ज्ञान दिया

अल-इस्सा ने अपने भाषण में भारतीय ज्ञान के बारे में बहुत कुछ कहा। उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षा का मानवता के लिए बहुत योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि दुनिया में यह निराशावादी सिद्धांत है, जो कहता है कि सभ्यताओं के बीच टकराव अपरिहार्य है, लेकिन भारत सह अस्तित्व की भावना का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिम वर्ल्ड लीग ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से पूर्व और पश्चिम के बीच पुल बनाना नामक एक पहल शुरू की है।

भारत में कोई धर्म खतरे में नहीं: डोभाल

एनएसए अजित डोभाल ने कहा कि हिंदुस्तान में कोई धर्म खतरे में नहीं है। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं। भारत सभी मसलों के हल के लिए सहनशीलता, संवाद और सहयोग को बढ़ावा देता है। भारत में सभी को बराबर का हक है। उन्होंने कहा कि ये कोई संयोग नहीं है कि लगभग 20 करोड़ मुस्लिम होने के बावजूद वैश्विक आतंकवाद में भारतीय नागरिकों की भागीदारी अविश्वसनीय रूप से कम रही है। डोभाल ने कहा कि भारत विविधता से भरा देश है। भारत सभी धर्म को स्पेस देने में सफल रहा है। हम दुनिया में दूसरे सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश हैं। हमारे देश की मुस्लिम जनसंख्या इस्लामी सहयोग संगठन के 33 सदस्यों के बराबर है। उन्होंने कहा कि पवित्र कुरान विविध पृष्ठभूमि के लोगों के बीच एकता और समझ के महत्व पर जोर देता है।

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