महासमुंद में भालुओं का आतंक: जंगल में लकड़ी बीनने गए तीन ग्रामीणों पर हमला, गंभीर रूप से घायल — मेडिकल कॉलेज रेफर, ग्रामीणों में दहशत का माहौल

महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में एक बार फिर भालुओं के हमले का मामला सामने आया है। कोमाखान थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम बिडोरा में  सुबह तीन ग्रामीण जंगल में लकड़ी और महुआ बीनने गए थे, तभी दो भालू और उनके दो शावकों के झुंड ने अचानक उन पर हमला कर दिया। हमले में तीनों ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गए।

घायलों में दानबाई ठाकुर (60 वर्ष), छबिलाल साहू (49 वर्ष) और सावित्री ठाकुर (40 वर्ष) शामिल हैं। बताया जा रहा है कि भालुओं ने तीनों पर एक साथ झपट्टा मारा, जिससे उन्हें सिर, हाथ और कमर में गहरी चोटें आईं। किसी तरह अन्य ग्रामीणों ने शोर मचाकर भालुओं को वहां से भगाया और घायलों को सुरक्षित बाहर निकाला।

तीनों को पहले बागबहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर महासमुंद मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया। फिलहाल सभी का इलाज जारी है और उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।

घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और इलाके का जायजा लिया। विभाग ने घायलों के परिजनों को तत्काल 500-500 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से आसपास के जंगलों में भालुओं की बढ़ती आवाजाही से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। कई बार वन विभाग से शिकायतें की गईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

बागबहरा रेंजर ने बताया कि घटना स्थल के पास भालुओं के पदचिह्न और खून के निशान मिले हैं। विभाग ने क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने, वनकर्मियों की गश्त तेज करने और ग्रामीणों को जंगल में सतर्क रहने की सलाह दी है।

स्थानीय सरपंच ने भी प्रशासन से मांग की है कि गांव के आसपास भालू पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए जाएं और मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।

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