कांकेर। सर्व आदिवासी समाज के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता जीवन ठाकुर की रायपुर सेंट्रल जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद कांकेर जिले में तनाव व्याप्त है। आदिवासी समाज के सैकड़ों लोगों ने गुरुवार को नेशनल हाईवे-30 पर चारामा थाना के सामने चक्काजाम कर दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। परिवार ने अभी तक शव ग्रहण करने से इनकार कर दिया है और अंतिम संस्कार तब तक नहीं करने का ऐलान किया है जब तक जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती।
परिजनों के अनुसार, जीवन ठाकुर को 12 अक्टूबर 2025 को जमीन विवाद के एक मामले में गिरफ्तार कर कांकेर जिला जेल में रखा गया था। 2 दिसंबर को बिना किसी पूर्व सूचना के उन्हें रायपुर सेंट्रल जेल स्थानांतरित कर दिया गया। परिवार को न तो ट्रांसफर की जानकारी दी गई और न ही तबीयत बिगड़ने की सूचना। 4 दिसंबर को सुबह 4:20 बजे उन्हें रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल (मेकाहारा) में भर्ती कराया गया, जहां सुबह 7:45 बजे उनकी मौत हो गई। परिजनों को यह जानकारी शाम 5 बजे दी गई।
आदिवासी समाज ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि:
- तबीयत बिगड़ने पर समय पर इलाज नहीं कराया गया,
- बिना सूचना के रायपुर शिफ्ट किया गया,
- महत्वपूर्ण जानकारियां जानबूझकर छिपाई गईं,
- मौत संदिग्ध है और हत्या की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
बढ़ते विरोध को देखते हुए गुरुवार को सैकड़ों लोग कांकेर कलेक्ट्रेट पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई। समाज के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट कहा, “जब तक दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक शव नहीं लिया जाएगा और न ही अंतिम संस्कार किया जाएगा।”
मामले की गंभीरता को देखते हुए रायपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। वहीं जेल महानिरीक्षक ने कांकेर जिला जेल के जेलर को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।
रायपुर सेंट्रल जेल अधीक्षक योगेश कुमार क्षत्री ने बताया कि जीवन ठाकुर को बीमारी के कारण रायपुर रेफर किया गया था और इलाज के दौरान उनकी मौत हुई है। उन्होंने कहा कि नियमानुसार दंडाधिकारी जांच कराई जाएगी।
फिलहाल जिले में तनाव बना हुआ है और प्रशासन द्वारा शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।