राज्य भर के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन बुधवार को समाप्त हो गया। राजधानी के तूता स्थल पर पिछले तीन दिनों से चल रहे इस आंदोलन में बड़ी संख्या में अधिकारी शामिल हुए। इसमें कई महिला तहसीलदारों ने भी भाग लिया और सुरक्षा को अपना सबसे बड़ा मुद्दा बताया।
धरना दे रहे अधिकारियों ने 17 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य सरकार पर दबाव बनाया। उन्होंने कहा कि तहसील स्तर पर संसाधनों और उपकरणों की भारी कमी के कारण कामकाज प्रभावित हो रहा है। महिला तहसीलदारों ने विशेष रूप से दूरस्थ और संवेदनशील क्षेत्रों में कार्य के दौरान सुरक्षा और गाड़ी देने की गारंटी मांगी।
धरना स्थल पर मौजूद प्रतिनिधियों ने बताया कि वे अपनी मांगों का ज्ञापन कलेक्टर और मुख्यमंत्री को पहले ही सौंप चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। अधिकारियों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द मांगें पूरी नहीं कीं तो वे अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने के लिए बाध्य होंगे।
आंदोलन के दौरान अधिकारियों ने कहा कि उनकी मांगें सिर्फ उनके अधिकारों के लिए नहीं बल्कि बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था और जनता को समय पर सेवा देने के लिए भी हैं।