TB disease : टीबी रोग से आजादी पाने के लिए गांव-गांव पहुंच रहा जागरुकता अभियान

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TB disease :  टीबी चैंपियंस बता रहे हैं रोग के लक्षण कारण व बचाव के उपाय

TB disease : बालोद। आजादी चाहिए अब टीबी रोग से। कुछ ऐसा ही उद्देश्य लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश भर में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस प्रयास में टीबी चैंपियंस भी अपने-अपने क्षेत्र में बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी निभा रहे हैं। टीबी रोग से बचाव के लिए गांव-गांव, घर-घर जाकर टीबी मरीजों का पता लगाया जा रहा है तथा रोग से ग्रसित के रूप में चिन्हित होने पर संबंधित को आवश्यक सलाह देने के साथ ही उनका इलाज भी सुनिश्चित किया जा रहा है।

TB disease :  टीबी रोग से बचाव के लिए बालोद जिले के टीबी चैंपियंस डौंडीलोहारा विकासखंड में लगातार जन-जागरुकता कार्यक्रम चला रहे हैं। इस दौरान घर-घर जाकर लोगों को टीबी रोग के कारण, लक्षण तथा इससे बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं, ताकि टीबी रोग सबसे पहले तो किसी को हो ही नहीं और यदि हो भी जाए तो उसे जल्द से जल्द ठीक किया जा सके।

TB disease :  टीबी रोग के खिलानऊ अभियान में सशक्त भागीदारी निभा रहे टीबी चैंपियन नितेश कुमार ने बतायाः टीबी को हरा देने के बाद से आत्मविश्वास बढ़ा है। अब यह पूरा भरोसा है कि टीबी रोग के लक्षण महसूस होने पर शुरुआती दौर में ही गंभीरतापूर्वक इसका इलाज शुरू कराया जाए तो टीबी रोग से निजात पाई जा सकती है।

TB disease : टीबी रोग के उपचार की प्रक्रिया बहुत सरल होती है। लोगों को रोगमुक्त करने के ही उद्देश्य से इन दिनों डौंडीलोहारा विकासखंड में जन-जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें सराहनीय जनसहयोग भी मिल रहा है। टीबी मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के क्रम में गांव-गांव में जन-जागरुकता कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीणों को टीबी रोग के कारण, लक्षण तथा इससे बचाव के उपायों की विस्तृत जानकारी देने का प्रयास किया जा रहा है।

TB disease :  बालोद जिला मुख्यालय स्थित बस स्टैंड, मंडी व कॉलेज में आयोजित जागरुकता कार्यक्रम के अवसर पर टीबी चैंपियंस द्वारा लोगों को पोस्टर व पंपलेट सहित टीबी रोग से बचाव संबंधी विभिन्न सामग्रियां वितरित की गईं। साथ ही उन्हें बताया गया कि दो हफ्ते से अधिक की खांसी, शाम का बुखार, भूख न लगना, वजन कम होना तथा थूक के साथ खून आना टीबी रोग के भी शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। ऐसे लक्षण आने पर लापरवाही न बरतें तथा तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। टीबी का इलाज सरकारी अस्पताल में निःशुल्क किया जाता है और दवाइयां भी निःशुल्क मिलती हैं।

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TB disease : इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसके मंडल ने बतायाः सस्टैनबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) के अनुसार टीबी का उन्मूलन वर्ष 2030 तक करना है, जबकि भारत ने यह लक्ष्य वर्ष 2025 तक रखा है। वहीं छत्तीसगढ़ ने यह लक्ष्य वर्ष 2023 रखा है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए कलेक्टर गौरव कुमार सिंह के दिशा-निर्देशन में टीबी रोग से बचाव हेतु सभी आयु वर्ग के लोगों की जांच तथा 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की मधुमेह और उच्च रक्तचाप की भी जांच की जा रही है।

TB disease :  इस दौरान समुदाय के बीच टीबी रोग के कारण, लक्षण तथा इससे बचाव के उपायों का व्यापक प्रचार किया जा रहा है जिसमें स्वास्थ्य कर्मचारियों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन के साथ टीबी चैंपियन भी सराहनीय भूमिका निभा रहे हैं। आगे उन्होंने बतायाः टीबी रोग से निजात पाने के लिए उपचार के अंतर्गत नियमित रूप से प्रतिदिन दवाइयों का सेवन किया जाना अनिवार्य है। दवाइयों के नियमित सेवन करने से मरीज शत-प्रतिशत टीबी बीमारी से रोगमुक्त हो सकता है। वहीं उपचार के दौरान नशापान नहीं करना चाहिए।

ये होते हैं टीबी चैंपियन

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टीबी (क्षय) रोग विभाग ने टीबी रोग को मात देकर स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे लोगों को टीबी चैंपियन बनाया है। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी चैंपियन, टीबी से ग्रसित लोगों को आप बीती बताते हैं और पीड़ित को इस बीमारी की जद से निकलने की राह दिखाते हुए उनका मनोबल बढ़ाते हैं। साथ ही समुदाय में टीबी रोग के लक्षण, कारण तथा उपायों की जानकारी देकर लोगों को जागरुक करने का प्रयास करते हैं।

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