नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले की प्राचीर से अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार (Next Generation GST Reforms) का ऐलान किया था। इसके तहत जीएसटी की वर्तमान 12% और 28% की दरों को खत्म कर केवल 5% और 18% स्लैब लागू करने का प्रस्ताव है। अब इस दिशा में बड़ा अपडेट सामने आया है।
सूत्रों के अनुसार, सरकार टेक्सटाइल और फूड प्रोडक्ट्स को 5% टैक्स स्लैब में लाने पर विचार कर रही है। इसके साथ ही कुछ सामान्य सेवाओं पर भी टैक्स घटाने की संभावना है, ताकि उपभोक्ताओं पर कर का बोझ कम किया जा सके। यह प्रस्ताव आगामी 56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक (3-4 सितंबर 2025) में रखा जाएगा।
किन वस्तुओं और सेवाओं पर असर पड़ेगा?
- खाद्य पदार्थ और कपड़े: फिलहाल बिना ब्रांड वाली मिठाइयों पर 5% और ब्रांडेड मिठाइयों पर 18% जीएसटी लगता है। कपड़ों पर भी मूल्य आधारित 5% से 12% टैक्स लागू है। प्रस्ताव के अनुसार, इन्हें एक समान 5% स्लैब में लाया जा सकता है।
- सैलून व ब्यूटी सेवाएं: अभी मिड और हाई कैटेगरी सैलून पर 18% टैक्स लगता है। सरकार इसे घटाने पर विचार कर रही है, जबकि छोटे सैलून पहले से ही जीएसटी से बाहर हैं।
- सीमेंट: कंस्ट्रक्शन सेक्टर की मांग के अनुरूप सीमेंट पर जीएसटी दर 28% से घटाकर 18% करने का प्रस्ताव है।
- इंश्योरेंस: टर्म इंश्योरेंस और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी को पूरी तरह खत्म करने पर भी चर्चा संभव है।
- ऑटो सेक्टर: 4 मीटर तक लंबी कारों पर 18% और बड़ी कारों पर 40% स्लैब लागू रह सकता है।
संभावित राजस्व नुकसान
वित्त मंत्रालय की फिटमेंट कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक, इन बदलावों से केंद्र और राज्य सरकारों की आय पर असर पड़ेगा। अनुमान है कि नई टैक्स संरचना लागू होने से करीब 40,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो सकता है।
दिवाली से पहले लागू हो सकते हैं नए सुधार
दीवाली 21 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी और सरकार इसे उपभोक्ताओं और कारोबारियों के लिए एक “राहत भरा तोहफा” मान रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने भाषण में कहा था कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार से आम आदमी पर कर का बोझ कम होगा और कारोबारियों के लिए टैक्स संरचना और सरल बनेगी।
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