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Chief Editor सुभाष मिश्र की कलम से – लोकतंत्र पर धनबल का साया

– सुभाष मिश्र Chief Editor पूंजीवाद की राजनीतिक दिक्कत, अपनी उस बुनावट से पैदा होती है, जिसमें अल्पसंख्यक नियोक्ताओं और बहुसंख्यक कामगार का एक ग़ैर लोकतांत्रिक जटिल ढांचा है। जाने-माने अंबेडकरवादी और एडवोकेट डॉ. एसएल विरदी कहते हैं भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरे महसूस किए जा रहे हैं, जिसके लिए सचेत होने की जरूरत है। […]

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