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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – बाबा साहब की बढ़ती प्रासंगिकता

-सुभाष मिश्र हमारे देश में खुद को किसी महापुरुष के विचार के करीब बताकर जितनी राजनीति हुई है उतनी दुनिया के किसी भा देश में नहीं हुई है। डॉ. भीमराव आंबेडकर के साथ भी ऐसा ही है, जो उनके जीते जी उनकी विचारधारा अलगाव रखते थे वो भी आज सियासी मजबूरी में उनके साथ खड़े […]

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – चुनाव में बढ़ता बेनामी खर्च और महंगे होते चुनाव

-सुभाष मिश्र कोई गरीब ईश्वर तभी चुनाव लड़ सकता है जब उसके बेटे की हत्या हो गई हो और उसका इल्जाम ऐसे लोगोंं पर हो जो इस घटना को सहानुभूति के साथ जातिगत और साम्प्रदायिक रुप में वोट में बदलकर एक ऐसा नेरेटिव बना सके, जो किसी पार्टी को तत्कालिक रुप से लाभ का सौदा

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प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से – कानून से घटेगा बढ़ती आबादी का दबाव !

From the pen, Editor-in-Chief, Subhash Mishra, Law, will reduce, the pressure, increasing, population! – सुभाष मिश्र देशभर में जनसंख्या नियंत्रण बिल इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बिल में दो से अधिक बच्चे होने पर माता-पिता को सरकारी सुविधाओं से वंचित करने की सिफारिश की गई है। तेजी से बढ़ती जनसंख्या भारत

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